पुलिस का दावा, चुनाव में टिकट पाने के लिए हुई थी SP के पूर्व चेयरमैन फिरोज की हत्या
बलरामपुर में समाजवादी पार्टी (एसपी) के पूर्व चेयरमैन फिरोज अहमद की हत्या के मामले में पुलिस ने सोमवार, 10 जनवरी को खुलासे का दावा किया.…
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बलरामपुर में समाजवादी पार्टी (एसपी) के पूर्व चेयरमैन फिरोज अहमद की हत्या के मामले में पुलिस ने सोमवार, 10 जनवरी को खुलासे का दावा किया. पुलिस ने दावा किया कि एसपी के ही पूर्व सांसद रिजवान जहीर ने फिरोज की हत्या कराई थी.
इस मामले में रिजवान जहीर के साथ-साथ उसकी बेटी, दामाद समेत 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. बलरामपुर पुलिस के अनुसार पूर्व चेयरमैन फिरोज की हत्या आगामी विधानसभा चुनाव में टिकट पाने के लिए कराई गई थी.
बीती 4 जनवरी की शाम बलरामपुर के तुलसीपुर के पूर्व चेयरमैन रहे फिरोज अहमद उर्फ पप्पू की हत्या हुई थी. पुलिस ने इस घटना के खुलासा का दावा करते हुए पूर्व सांसद रिजवान जहीर, उसकी बेटी जेबा रिजवान, दामाद रमीज, हत्यारोपी मिराज उल हक उर्फ मामा, महफूज और साजिश में शामिल शकील को गिरफ्तार कर लिया है.
पुलिस ने दावा किया कि फिरोज अहमद और पूर्व सांसद रिजवान जहीर के बीच समाजवादी पार्टी का टिकट पाने के लिए राजनीतिक प्रतिद्वंदिता थी. बीते स्थानीय निकाय चुनाव में फिरोज अहमद ने अपनी पत्नी कहकशा को तुलसीपुर नगर पंचायत का चेयरमैन बनवा लिए थे. तभी से फिरोज एसपी में शामिल होकर तुलसीपुर से विधायक के लिए टिकट पाने की कोशिश में लगे थे.
पुलिस के मुताबिक, रिजवान जहीर भी अपनी बेटी जेबा रिजवान को टिकट दिलाने की कोशिश में थे. लेकिन बेटी को टिकट दिलाने में रिजवान जहीर के सामने सबसे बड़ा रोड़ा फिरोज अहमद ही थे. कभी फिरोज और रिजवान एक ही गुट में थे, एक साथ काम करते थे, लेकिन राजनीतिक वर्चस्व को अलग बढ़ाने के लिए फिरोज अलग हो गए और धीरे-धीरे राजनीतिक कद बड़ा करने में लग गए. इसी वजह से रिजवान जहीर को अपनी बेटी को टिकट दिलाने में फिरोज अहमद रास्ते का कांटा नजर आया. इसके बाद रिजवान जहीर और उसके दामाद ने मेराज उल हक उर्फ मामा और महबूब से 4 जनवरी के रात करीब 10:30 बजे फिरोज अहमद की हत्या करवा दी.
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इस हत्या कांड का खुलासा करने के लिए पुलिस की कई टीमें लगाई गईं. पुलिस ने बताया कि उसने लगभग 250 सीसीटीवी खंगाले, सर्विलांस की मदद ली, सौ से अधिक लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की, तब मामले का खुलासा हुआ.
पुलिस ने बताया कि करीब एक महीने पहले फिरोज को मारने की साजिश रची गई थी और 3 बार मारने की कोशिश भी हुई लेकिन हर बार प्लान कामयाब नहीं हुआ. तब 4 जनवरी को रिजवान के दामाद रमीज ने अपने खास गुर्गे शकील से कहकर महफूज और मेराज उल हक उर्फ मामा को कोठी पर बुलवाकर काम पूरा करने के लिए हिदायत दी. उसी दिन फिरोज अहमद जब अपने दोस्त शाहिद के घर से निकले थे तभी घात लगाकर मिराज और महफूज ने मिलकर रॉड और चाकू से हमला कर हत्या कर दी. हत्या के बाद दोनों ही हत्यारोपी मेराजुल और महफूज ने काम पूरा करने की सूचना दामाद रमीज को दी और रिजवान की कोठी पर भी जाकर छिप गए.
कौन हैं रिजवान जहीर?
रिजवान जहीर का नाम बलरामपुर और आसपास के जिलों में एक बाहुबली नेता के तौर पर जाना जाता है. रिजवान पर रासुका समेत 14 मुकदमे दर्ज हैं जिनमें हत्या, हत्या का प्रयास, आर्म्स एक्ट, गुंडा एक्ट, बलवा और अपहरण की घटनाएं शामिल हैं.
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तीन बार विधायक और दो बार सांसद रह चुके रिजवान जहीर ने बीते अक्टूबर महीने में ही समाजवादी पार्टी का दामन थामा. 1989 में तुलसीपुर विधानसभा से पहली बार निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर रिजवान विधायक बने. वह दो बार बीएसपी से विधायक चुने गए और 1998 में बलरामपुर से एसपी के टिकट पर सांसद चुने गए. 2004 में वह एसपी छोड़ बीएसपी में शामिल हुए.
2009 में रिजवान जहीर ने श्रावस्ती से बीएसपी के टिकट पर भी चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए. 2014 में पीस पार्टी में भी शामिल होकर चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए. 2014 में ही कांग्रेस में शामिल हो गए, लेकिन कुछ ही महीने बाद रिजवान जहीर दोबारा बीएसपी में शामिल हो गए थे.
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