आजमगढ़: हत्या के मामले में 20 साल बाद आया फैसला, छह को उम्रकैद, लगा ₹28-28 हजार का जुर्माना

भाषा

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आजमगढ़ की एक स्थानीय अदालत ने हत्या के एक मामले में मंगलवार को छह आरोपियों को दोषी करार देते हुए उन्हें उम्रकैद और जुर्माने की सजा सुनाई.

अभियोजन पक्ष के अनुसार, शहर कोतवाली के कोठारा इलाके के निवासी दशरथ यादव का अपने ही गांव के निवासी केदार यादव से विवाद था. केदार ने अपने साथियों संतराज यादव, कृष्ण मुरारी, मंतराज यादव, चंद्रशेखर, श्रीकृष्ण यादव और एक नाबालिग के साथ मिलकर 26 अगस्त 2001 को दशरथ पक्ष के धनई नामक व्यक्ति और उसके रिश्तेदार शामू यादव के घर से बाहर जाने वाले रास्ते को अवरुद्ध करने के लिए निर्माण कार्य शुरू करा दिया.

अभियोजन पक्ष ने आगे बताया कि धनई और शामू यादव ने जब निर्माण कार्य का विरोध किया तो केदार और उसके साथियों ने उन दोनों पर हमला कर दिया. इसी बीच, केदार ने अपनी लाइसेंसी बंदूक से शामू यादव को गोली मार दी. चंद्रशेखर और श्रीकृष्ण ने तमंचे से शामू यादव की बहू को भी गोली मारकर घायल कर दिया. गंभीर रूप से घायल शामू की दूसरे दिन इलाज के दौरान मौत हो गई.

इस मामले में पुलिस ने जांच करने के बाद सभी सातों आरोपियों के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया. एक आरोपी के नाबालिग होने के कारण उसकी पत्रावली अलग कर दी गई. जिला एवं सत्र न्यायाधीश दिनेश चंद्र की अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद बाकी छह आरोपियों को दोषी करार देते हुए उन्हें उम्रकैद और 28-28 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई.

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