पुलिस की पिटाई से युवक की मौत? 3 पर FIR, 10 लाख मुआवजा, पत्नी बोली- ‘अभी तो लड़ाई शुरू हुई’

ADVERTISEMENT

UPTAK
social share
google news

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर स्थित एक होटल में पुलिस की दबिश के बाद कानपुर के मनीष कुमार गुप्‍ता नामक शख्स की संदिग्‍ध परिस्थितियों में मौत के मामले में परिजनों की तहरीर पर तीन पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है. वहीं, सीएम योगी आदित्यनाथ ने मृतक के परिजनों को 10 लाख रुपए का मुआवजा देने की घोषणा की है. इसके साथ ही मुख्‍यमंत्री ने परिजनों को निष्‍पक्ष जांच का आश्‍वासन भी दिया है. इससे पहले एसएसपी ने मंगलवार सुबह ही इस मामले में 6 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया था.

मृतक की पत्नी बोलीं-‘अभी तो लड़ाई की शुरुआत है’

गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में मृतक मनीष कुमार गुप्‍ता के पोस्टमॉर्टम के बाद पत्‍नी मिनाक्षी गुप्‍ता ने बताया कि उनकी डीएम और एसएसपी से बात हुई है. उन्होंने बताया कि सीएम ने मामले को संज्ञान में लिया है. बकौल मिनाक्षी, पुलिस पहले मामले में तहरीर नहीं ले रही थी, लेकिन अब तीन पुलिसकर्मियों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज कर ली गई है. उन्होंने कहा कि पोस्टमॉर्टम के बाद वे कानपुर में अंतिम संस्‍कार के लिए रवाना हो रहे हैं और ‘अभी तो लड़ाई की शुरुआत है.’

मिनाक्षी ने कहा कि जिन्‍होंने भी उनके पति को मारा है, उन्‍हें सख्‍त से सख्‍त सजा मिलनी च‍ाहिए. उन्होंने कहा वर्दी पहनने का ये मतलब नहीं है, कि वे लोग नागरिक नहीं है. उन्‍होंने कहा कि आरोपियों ने उनके पति को बहुत ही बेरहमी से मारा है. उन्होंने बताया कि उन्हें अभी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट नहीं मिली है. वहीं, अधिकारियों ने कहा कि 24 घंटे बाद पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आएगी.

मृतक की बहन ने बताया

इकलौता भाई घर-परिवार का खर्च चलाता था. उसका पांच साल का बेटा है. शादी को सात साल हुए थे. भाई को छह पुलिसकर्मियों ने शराब के नशे में इतना मारा कि उनकी मौत हो गई.

निशा

यह भी पढ़ें...

ADVERTISEMENT

निशा आगे कहती हैं कि भाई के पांच साल के बेटा अविराज का क्‍या होगा. निशा का आरोप है, “पुलिसवालों ने भाई को राइफल की बट से इतना मारा कि उनका सिर एक ओर से पिचक गया. उनके नाक और मुंह से खून आ गया. उनको इतना मारा कि उनके हाथ का मांस तक निकल गया. उनके चेहरे पर खरोच के निशान हैं. भाई को इंसाफ मिलना चाहिए.” उन्होंने बताया कि अधिकारी लोग उनसे छह घर बर्बाद होने का हवाला देकर केस वापस लेने के लिए कह रहे हैं.

मृतक के पिता नंद किशोर गुप्‍ता ने बताया कि कानपुर में उनका सिलाई का काम है जबकि बेटा मनीष प्रॉपर्टी का काम करता था. उन्होंने बताया, “गोरखपुर में बेटे के साथ उसके 2 दोस्त भी आए थे. पुलिसवालों ने उनसे आईडी मांगी थी. बेटे ने विरोध किया तो पुलिसवाले गालियां देते हुए मारने-पीटने लगे.” उन्‍होंने बताया कि उनके बेटे को इतना मारा गया कि उसकी जान चली गई.

इस मामले में प्रथम दृष्‍टया छह पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया है. परिजनों की तहरीर पर तीन पुलिसकर्मियों पर मुकदमा दर्ज किया गया है, जिससे आगे निष्‍पक्ष जांच हो सके. सीएम ने मृतक परिवार को 10 लाख रुपए की अनुकंपा धनराशि स्‍वीकृ‍त की है. इसमें जो भी साक्ष्‍य आएंगे उसके आधार पर निष्‍पक्ष कार्रवाई की जाएगी.

विपिन ताडा, एसएसपी गोरखपुर

ADVERTISEMENT

क्या है पूरा मालमा?

बताया जा रहा है कि गोरखपुर पुलिस सोमवार-मंगलवार की दरम्यानी रात होटल और सरायों में रुकने वाले लोगों की जांच के लिए निकली थी, इसी क्रम में ‘संदिग्‍धों के ठहरने की सूचना पर’ रामगढ़ताल थाना क्षेत्र के देवरिया बाईपास रोड पर स्‍थित एक होटल के कमरे को खुलवाया गया. यहीं रुके कानपुर के रहने वाले मनीष कुमार गुप्‍ता की इस मामले में मौत हुई है. उनके साथ रुके हरियाणा के गुरुग्राम के रहने वाले अरविंद सिंह ने बताया कि वे होटल कृष्‍णा पैलेस के अपने रूम नंबर 512 में सो रहे थे.

अरविंद ने बताया कि रात को 12.30 के बीच डोर बेल बजी, मनीष गुप्‍ता और प्रदीप सोए हुए थे. उन्‍होंने बताया, ”कमरे में होटल का एक कर्मचारी और पांच से सात पुलिसवाले अंदर आए. वे पहचान पत्र दिखाने को कहने लगे.”

ADVERTISEMENT

अरविंद के मुताबिक, उन्होंने अपना पहचान पत्र दिखा दिया, इसके बाद प्रदीप की आईडी भी दिखा दी गई, फिर मनीष गुप्‍ता से भी आईडी दिखाने को बोला गया, ”उन्‍होंने इतनी रात को जांच करने पर सवाल उठाए. इसके बाद पुलिसवालों ने सामान चेक करने के लिए कहा. उन लोगों ने सामान चेक करा दिया.”

अरविंद का आरोप है कि पुलिसवालों ने शराब पी हुई थी और उन्‍होंने जब कहा कि वे लोग आतं‍कवादी थोड़े ही हैं, जो उनके साथ इस तरह का व्‍यवहार किया जा रहा है, इस पर पुलिसवाले भड़क गए और जेल भेजने की धमकी देने लगे.

अरविंद का कहना है कि इसके बाद पुलिसवाले थप्‍पड़ मारने लगे, प्रभारी निरीक्षक जगत नारायण सिंह और सब्‍जी मंडी चौकी इंचार्ज अक्षय कुमार मिश्रा लगातार थप्‍पड़ मारते हुए नीचे लेकर चले आए.

अरविंद ने बताया, इसी बीच उन्‍होंने देखा कि पुलिसवाले मनीष गुप्‍ता को घसीटते हुए लिफ्ट से नीचे लेकर आ रहे हैं और उनके सिर से खून बह रहा था, उन्‍होंने अपनी पीसीआर वैन में मनीष गुप्‍ता को डाला और उन्‍हें पीछे बिठाया.

अरविंद ने बताया कि वे लोग गोरखपुर पहली बार आए हैं, वे अपने दोस्‍त चंदन सैनी से मिलने के लिए आए थे, इसी बीच पुलिसवालों से उन्‍होंने कहा कि वे उनके दोस्‍त चंदन सैनी से बात कर लें, उन्‍होंने चंदन सैनी को कॉल करके पूछा तो उन्‍होंने बताया कि उनके दोस्‍त रुके हुए हैं, इसके बाद पुलिसवाले मनीष को अस्‍पताल में इलाज के लिए ले गए.

Main news
follow whatsapp

ADVERTISEMENT