लखीमपुर हिंसा: UP सरकार ने SC से कहा, ‘आशीष की बेल को चुनौती देने का फैसला विचाराधीन’

भाषा

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उत्तर प्रदेश सरकार ने मंगलवार को उच्चतम न्यायालय को बताया कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को लखीमपुर खीरी हिंसा के संबंध में जमानत देने के फैसले को चुनौती देने का मामला संबंधित प्राधिकारियों के समक्ष विचाराधीन है. इस हिंसा में चार किसानों सहित आठ लोग मारे गए थे.

लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के परिवार के सदस्यों की अपील पर दाखिल अपने जवाबी हलफनामे में राज्य सरकार ने कहा कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश के साथ-साथ उसके जवाबी हलफनामे से यह प्रदर्शित होगा कि उसने मिश्रा की जमानत अर्जी का पुरजोर विरोध किया है.

यूपी सरकार ने कहा, “यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि प्रतिवादी नंबर 1 (आशीष मिश्रा) के जमानत आवेदन का राज्य ने कड़ा विरोध किया था, और विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) में इसके विपरीत कोई भी कथन पूरी तरह से गलत है और खारिज करने योग्य है. इसके अलावा, 10 फरवरी, 2022 का आक्षेपित आदेश, उसी के खिलाफ सीमा अवधि अभी भी चल रही है, और उसके खिलाफ एसएलपी दायर करने का निर्णय संबंधित अधिकारियों के समक्ष विचाराधीन है.”

राज्य सरकार ने कहा कि 10 मार्च की घटना, जिसमें लखीमपुर हिंसा मामले में एक गवाह को कुछ बदमाशों ने पीटा था, जिसके परिणामस्वरूप मामला दर्ज किया गया था, उसे 3 अक्टूबर 2021 की किसान की मौत के साथ जोड़ने करने की मांग की गई है.

उसने कहा, “इस संबंध में, यह प्रतिवेदित किया जाता है कि 10 मार्च, 2022 की उक्त घटना और मामला अपराध संख्या… की जांच से पता चला है कि यह तीन अक्टूबर, 2021 की घटना से संबंधित एफआईआर से बिल्कुल भी संबंधित नहीं है.”

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