कानपुर में CM योगी से मिला मनीष गुप्ता का परिवार, पत्नी मीनाक्षी ने बताया क्या हुई बात
गोरखपुर के एक होटल में पुलिस दबिश के बाद कानपुर के मनीष गुप्ता की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के मामले को लेकर मनीष का…
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गोरखपुर के एक होटल में पुलिस दबिश के बाद कानपुर के मनीष गुप्ता की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के मामले को लेकर मनीष का…
गोरखपुर के एक होटल में पुलिस दबिश के बाद कानपुर के मनीष गुप्ता की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के मामले को लेकर मनीष का परिवार 30 सितंबर को यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिला.
कानपुर में सीएम से मुलाकात के बाद मनीष की पत्नी मीनाक्षी ने कहा, ”उन्होंने बोला कि जॉब भी मिल जाएगी. उन्होंने खुद अपनी ओर से कहा कि आपका केस यहां ट्रांसफर कर देते हैं. एक अच्छी टीम तैनात कर देते हैं, जिससे आपका कार्य बहुत अच्छे से हो पाए. वो ये बात खुद ही समझ रहे हैं कि मैं वहां (गोरखपुर) जाकर ये कार्य नहीं कर सकती.”
इसके अलावा मीनाक्षी ने कहा, ”उन्होंने इस केस को बहुत अच्छे से समझकर, बिल्कुल जुड़कर, बिल्कुल सही फैसला किया है. मैं इसके लिए बहुत-बहुत शुक्रगुजार हूं.”
कानपुर के कमिश्नर असीम अरुण ने इस मुलाकात को लेकर बताया,
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”(मनीष गुप्ता के) परिवार ने अपनी समस्याएं उनको (सीएम को) बताईं और तीन अनुरोध उन लोगों ने किए. पहला सरकारी नौकरी को लेकर, जिसके लिए मुख्यमंत्री जी ने सहमति व्यक्त की और कानपुर विकास प्राधिकरण में ओएसडी के रूप में एक प्रस्ताव भेजा जा रहा है.”
”दूसरा, परिवार ने इच्छा व्यक्त की कि केस को सीबीआई के लिए रिकमेंड किया जाए और कानपुर स्थित एक टीम द्वारा विवेचना की जाए. इस पर मुख्यमंत्री जी ने प्रस्ताव मांगा है.”
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”तीसरा, मुआवजे को बढ़ाने का अनुरोध किया परिवार के लोगों ने, मुख्यमंत्री जी ने उस पर भी सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का निर्देश दिया.”
बता दें कि इससे पहले मीनाक्षी ने सीएम योगी के नाम एक लेटर लिखकर अपनी ये मांगें सामने रखी थीं:
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”मेरे परिवार की आजाविका के लिए मुझे सरकारी नौकरी प्रदान करवाने की कृपा करें.”
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”गुजारे भत्ते के तौर पर पचास लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान करें.”
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”गोरखपुर में दर्ज केस को कानपुर नगर में ट्रांसफर किया जाए. उसे फास्ट ट्रैक कोर्ट में संचालित किया जाए क्योंकि मेरे लिए अपने बुजुर्ग ससुर और बेटे को घर पर छोड़कर गोरखपुर जाना असंभव है.”
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”गोरखपुर में घटित इस घटना की सीबीआई जांच कराई जाए. होटल पर कार्रवाई हो. दोषी पुलिसकर्मियों/अधिकारियों के खिलाफ न्यायोचित कार्रवाई की जाए.”
क्या है मामला?
सोमवार-मंगलवार की दरम्यानी रात को गोरखपुर के एक होटल में पुलिस की दबिश के बाद मनीष की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी. मनीष के साथ होटल में रुके उनके दोस्त गुरुग्राम के रहने वाले अरविंद सिंह ने बताया कि वे होटल कृष्णा पैलेस के अपने रूम नंबर 512 में सो रहे थे.
अरविंद ने बताया कि देर रात पुलिसवालों ने दरवाजा खुलवाया और आईडी चेक करने लगे, मनीष ने देर रात की जांच पर सवाल उठाए, तो पुलिसवाले सामान तक चेक करने के बाद पीटने लगे. अरविंद का आरोप है कि पुलिसवाले शराब के नशे में भी थे, देर रात में की जा रही चेकिंग को लेकर सवाल पूछने पर उन्होंने पीटा.
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