7 साल की बच्ची को भीड़ ने उठाकर फेंका पर नहीं बची मां की जान...महाकुंभ भगदड़ की ये कहानी है बेहद दर्दनाक!
महाकुंभ में भगदड़ का दर्दनाक हादसा, जहां एक मां अपनी बच्ची की जान की भीख मांगती रही, लेकिन खुद जिंदगी हार गई. जानिए पूरी घटना.
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महाकुंभ में भगदड़ का दर्दनाक हादसा, जहां एक मां अपनी बच्ची की जान की भीख मांगती रही, लेकिन खुद जिंदगी हार गई. जानिए पूरी घटना.
Mahakumbh News: महाकुंभ में मौनी अमावस्या के मौके पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी, लेकिन अचानक हुई भगदड़ ने कई परिवारों की खुशियां छीन लीं. इस दिल दहला देने वाली घटना में एक मां अपनी बच्ची की जान बचाने की भीख मांगती रही, लेकिन आखिरकार वह खुद इस भगदड़ का शिकार हो गई.
जौनपुर से आया एक परिवार आस्था की डुबकी लगाने पहुंचा था, लेकिन यह यात्रा उनके लिए काल बन गई. भगदड़ में 7 साल की मासूम अपनी मां और दादी से बिछड़ गई. मां ने अंतिम सांस तक अपनी बच्ची को बचाने की कोशिश की. लड़की की बुआ जगवंती देवी ने बताया कि 'किसी ने भतीजी को भीड़ में उठाकर फेंक दिया और बच्ची बांस पर लटकी रही. जैसे-तैसे जान बची, लेकिन मेरी मां और भाभी तड़प-तड़पकर मर गईं. पुलिसवालों से लेकर किसी ने नहीं बचाया." यह हादसा महाकुंभ में अव्यवस्था की भयावह तस्वीर पेश करता है.
कैसे हुई भगदड़?
DIG महाकुंभ मेला वैभव कृष्ण ने बताया, "मौनी अमावस्या पर स्नान के लिए ब्रह्म मुहूर्त से पहले देर रात एक से दो बजे के बीच मेला क्षेत्र में अखाड़ा मार्ग पर भारी भीड़ का दबाव बना. उस दबाव के कारण दूसरी ओर के अवरोधक टूट गए और भीड़ के लोगों ने अवरोधक लांघ कर दूसरी तरफ ब्रह्म मुहूर्त के स्नान का इंतजार कर रहे श्रद्धालुओं को अनजाने में कुचलना शुरू कर दिया. इसी वजह से यह घटना हुई."
कितने लोगों की गई जान?
सरकार के अनुसार, इस दुखद हादसे के चलते 30 लोगों ने अपनी जान गंवाई और 60 लोग इसमें घायल हो गए. इनमें 5 लोग ऐसे हैं, जिनकी पहचान नहीं हो सकी है.