यूपी में 28 लाख कर्मचारियों, पेंशनर्स का महंगाई भत्ता 3% बढ़ाया गया, अब बेसिक पे का इतना हिस्सा DA और DR में मिलेगा
यूपी में 28 लाख कर्मचारियों और पेंशनरों का महंगाई भत्ता 3% बढ़ाया गया. अब बेसिक वेतन का 58% डीए और डीआर के रूप में मिलेगा. पढ़िए कितनी होगी बढ़ोतरी और सरकार पर कितना भार पड़ेगा.
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उत्तर प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों और सरकारी सेवा से रिटायर हो चुके पेंशनरों के लिए दिवाली से पहले एक खुशखबरी आई है. यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने दिवाली से ठीक पहले राज्य के कर्मचारियों और पेंशनधारकों को राहत देते हुए उनका महंगाई भत्ता और महंगाई राहत बढ़ा दिया है. सीएम योगी आदित्यनाथ ने करीब 28 लाख कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए महंगाई भत्ता (डीए) और महंगाई राहत (डीआर) में 3 प्रतिशत की बढ़ोतरी के फैसले को मंजूरी दे दी है. अब यह दर बेसिक पे के 55 प्रतिशत से बढ़ाकर 58 प्रतिशत हो जाएगी. यह संशोधन एक जुलाई 2025 से प्रभावी होगा. बढ़ा हुआ भत्ता अक्टूबर से नकद रूप में भुगतान किया जाएगा.
राज्य सरकार का यह कदम महंगाई के प्रभाव से राहत देने और कर्मचारियों व पेंशनरों के जीवनस्तर को बेहतर बनाने की दिशा में एक पहल माना जा रहा है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे दीपावली का महत्वपूर्ण उपहार बताया है और कहा कि राज्य सरकार अपने कर्मचारियों और पेंशनरों के हितों के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है. इस फैसले से 16.35 लाख कर्मचारियों, 11.52 लाख पेंशनरों और पारिवारिक पेंशनरों को लाभ मिलेगा. इसमें राज्य सरकार के विभागों के कर्मचारी, सहायता प्राप्त शिक्षण एवं प्राविधिक संस्थान, शहरी स्थानीय निकायों के नियमित और पूर्णकालिक कर्मचारी, कार्यप्रभारित कर्मी और यूजीसी वेतनमान के कर्मचारी भी शामिल हैं.
डीए में बढ़ोतरी को आंकड़ों में समझिए
अगर उत्तर प्रदेश में किसी सरकारी कर्मचारी का बेसिक वेतन 42000 रुपये प्रतिमाह है, तो उसे 3% डीए वृद्धि से हर महीने 1260 रुपये का अतिरिक्त फायदा होगा. आइए इसे समझते हैं-
- पहले 55% की दर से उसका महंगाई भत्ता 23100 रुपये बनता था.
- अब 58% की दर से यह बढ़कर 24360 रुपये हो जाएगा.
- यानी कुल प्रति माह 1260 रुपये की बढ़ोतरी होगी.
- इस तरह साल भर में उसे 15120 रुपये का अतिरिक्त लाभ मिलेगा.
सरकारी अनुमान के अनुसार इस वृद्धि से मार्च 2026 तक सरकार पर लगभग 1960 करोड़ का अतिरिक्त व्यय भार आएगा. इसमें से 795 करोड़ नवंबर 2025 में नकद भुगतान के रूप में खर्च होगा, जबकि पुरानी पेंशन योजना वाले कर्मचारियों के जीपीएफ खातों में 185 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए जाएंगे. जुलाई से सितंबर 2025 तक के बकाया भुगतान के लिए 550 करोड़ रुपये से अधिक का अतिरिक्त खर्च होगा. दिसंबर से आगे इस बढ़े हुए भत्ते के लिए हर महीने लगभग 245 करोड़ रुपये का औसत व्यय आएगा. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि सभी पात्र कर्मचारियों और पेंशनरों को समय पर बढ़ा हुआ भत्ता मिले, ताकि त्योहारों में सबको खुशी और आर्थिक सहूलियत मिल सके.