सीएम योगी आदित्यनाथ ने ये किन लोगों को पढ़वाई भारत के संविधान की प्रस्तावना?
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संविधान दिवस के अवसर पर लोक भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में अधिकारियों और उपस्थित गणमान्य लोगों को भारत के संविधान की उद्देशिका (प्रस्तावना) का सशपथ पाठन कराया.
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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संविधान दिवस के अवसर पर लोक भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में अधिकारियों और उपस्थित गणमान्य लोगों को भारत के संविधान की उद्देशिका (प्रस्तावना) का सशपथ पाठन कराया. इस दौरान उन्होंने संविधान को देश की विशाल विविधता को एकता के सूत्र में पिरोने वाला दुनिया का सबसे बड़ा दस्तावेज बताया और नागरिकों के लिए कर्तव्यों के महत्व पर जोर दिया. इस कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक, वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना, कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही समेत कई राज्य मंत्रियों और गणमान्य व्यक्तियों ने हिस्सा लिया.
कर्तव्यबोध पर सीएम योगी का फोकस
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में अधिकारों से पहले कर्तव्यों के पालन की जरूरत पर बल दिया, उन्होंने कहा कि हर कोई अधिकारों की बात करता है लेकिन अधिकार तभी सुरक्षित होते हैं जब व्यक्ति अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने की आदत डालता है. उन्होंने चेतावनी दी कि जिन देशों में कर्तव्य के बिना अधिकार मांगने का प्रयास किया गया है वहां लोकतंत्र नहीं बचा, बल्कि तानाशाही ने आम नागरिकों के मौलिक अधिकारों को कुचल दिया है. सीएम ने कहा कि जो नागरिक पूरी ईमानदारी से अपने कर्तव्यों का पालन करते हैं, वे ही संविधान का सम्मान करते हैं, जबकि जिम्मेदारियों से मुंह मोड़ने वाले लोकतांत्रिक मूल्यों का अपमान करते हैं.
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यदि कोई एक व्यक्ति गलती करता है, तो उसके लिए पूरी व्यवस्था की निंदा नहीं की जानी चाहिए बल्कि गलती सुधारने का अवसर दिया जाना चाहिए. सीएम ने कहा कि संविधान देश की सभ्यतागत विरासत के प्रति सम्मान व्यक्त करने का भाव प्रदान करता है. उन्होंने बताया कि संविधान सभा को प्रस्तुत मूल संविधान में भगवान राम के अयोध्या वापसी से लेकर भगवान कृष्ण द्वारा गीता के उपदेश तक भारत की सभ्यतागत विरासत को दर्शाने वाले चित्र शामिल थे.
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उन्होंने कहा कि हमें अपने स्वार्थ के लिए सामाजिक विद्वेष की खाई को चौड़ा करने से बचना चाहिए और सदैव समाज की एकता और एकात्मता के लिए प्रयास करना चाहिए. अगर कोई व्यक्ति जाति, क्षेत्र या भाषा के नाम पर विभाजन पैदा करता है, तो वह भारत को कमजोर करता है और यह संविधान का अपमान है.
पीएम मोदी के पंचप्रण और विकसित भारत संकल्प की बात कही
सीएम योगी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विकसित भारत की संकल्पना से जुड़ने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि अगर हमें विकसित और आत्मनिर्भर भारत चाहिए तो प्रत्येक भारतवासी को दायित्वों का एहसास दिलाने वाले पंचप्रण से जुड़ना होगा. सीएम योगी ने हर व्यक्ति को गुलामी की मानसिकता से मुक्त होने और सैनिकों, अर्धसैनिक बलों तथा पुलिस का सम्मान करने की आवश्यकता पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि भारत में पहले आम चुनाव से ही महिलाओं को मत देने का अधिकार दिया गया, जबकि दुनिया के कई आधुनिक लोकतंत्रों ने यह अधिकार बहुत बाद में दिया.
जनता से मिले 98 लाख सुझाव
सीएम ने बताया कि विकसित उत्तर प्रदेश के निर्माण के लिए आयोजित चर्चा के दौरान जनता से भारी संख्या में सुझाव मिले हैं. उन्होंने कहा कि 98 लाख से अधिक सुझाव शिक्षा, हेल्थ, एम्प्लॉयमेंट, इन्वेस्टमेंट आदि क्षेत्रों से संबंधित पोर्टल पर प्राप्त हुए हैं. इसका मतलब है कि राज्य के हर पांच परिवारों में से एक परिवार ने हमें सुझाव भेजा है. उन्होंने कहा कि एक आत्मनिर्भर ग्राम पंचायत, जिला और प्रदेश ही आत्मनिर्भर राष्ट्र का निर्माण करेगा, जो विकसित भारत की संकल्पना को साकार करेगा.
लोक भवन में आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अलावा उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, मंत्री सुरेश कुमार खन्ना, सूर्य प्रताप शाही, धर्मपाल सिंह, दारा सिंह चौहान, दानिश आजाद अंसारी, के अलावा महापौर सुषमा खर्कवाल और यूपी अनुसूचित जाति व जनजाति आयोग के अध्यक्ष बैजनाथ रावत भी शामिल हुए.











