करणी सेना पर सपा के दलित सांसद रामजीलाल सुमन का पलटवार, बोले- प्रशासन छूट दे, हम निपट लेंगे
Ramji Lal Suman News: आगरा में करणी सेना के हमले के बाद सपा सांसद रामजीलाल सुमन ने तीखा बयान देते हुए प्रशासन से अपील की कि उन्हें पर्याप्त छूट दी जाए. जानिए पूरी घटना और सांसद का बयान.
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Ramji Lal Suman News: उत्तर प्रदेश के आगरा में दक्षिणपंथी संगठन करणी सेना से जुड़े लोगों ने राणा सांगा के बारे में विवादित बयान देने वाले समाजवादी पार्टी (सपा) के राज्यसभा सदस्य रामजी लाल सुमन के घर पर बुधवार को हमला किया. इस हमले के बाद सियासत गरमा गई. वहीं, इस हमले के बाद सांसद सुमन शुक्रवार को पहली बार आगरा पहुंचे. यहां उन्होंने एक बड़ा बायन दिया, जिसकी खूब चर्चा है.
सांसद रामजीलाल सुमन ने कहा, "प्रशासन हमें छूट दे दे, हम निपट लेंगे. देख लेंगे कि हमें क्या करना है." उन्होंने आगे कहा, "मुझे जो भी कहना था, वह मैं कह चुका हूं. आज राज्यसभा में मुझे बोलना था, लेकिन वहां इतना शोर हुआ कि मैं अपनी बात नहीं कह सका." इस बयान में उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि 'लोकतंत्र के अनुसार आप धरना दे सकते हैं, लेकिन यह सरासर मेरे घर परिवार पर हमला था.' उन्होंने इसे एक षड्यंत्र के तहत किया गया बताया.
'इस जिंदगी में तो माफी नहीं मांगूंगा'
मालूम हो कि रामजी लाल सुमन ने गुरुवार को कहा था कि वह राणा सांगा पर अपनी टिप्पणी के लिए माफी नहीं मांगेंगे, क्योंकि इतिहास को नकारा नहीं जा सकता. मालूम हो कि सुमन का हाल ही में एक वीडियो सामने आया था, जिसमें वह कहते हुए सुनाई दे रहे हैं कि राणा सांगा एक ‘गद्दार’ था, जिसने इब्राहिम लोदी को हराने के लिए बाबर को बुलाया था. राणा सांगा या संग्राम सिंह प्रथम 1508 से 1528 तक मेवाड़ के शासक थे.
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करणी सेना के प्रमुख ने क्या कहा?
करणी सेना के प्रमुख सूरज पाल सिंह अमू ने कहा कि सपा सांसद की इस टिप्पणी से मुगलों को हराने वाले नायक का अपमान हुआ है. उन्होंने सुमन और सपा प्रमुख अखिलेश यादव से माफी मांगने की मांग की.
गौरतलब है कि राजपूत गौरव की वकालत करने वाले जाति आधारित समूह करणी सेना के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने बुधवार को आगरा में हरि पर्वत चौराहे के नजदीक स्थित सांसद के आवास में तोड़फोड़ की. उनके घर के बाहर खड़ी कई कार को क्षतिग्रस्त कर दिया गया, कुर्सियां और घर की खिड़कियों के शीशे तोड़ दिये गए. वीडियो में कुछ पुलिसकर्मी भीड़ से भिड़ते हुए दिखाई दिए, जबकि भीड़ इस पॉश इलाके में उत्पात मचाती दिखी. गौर करने वाली बात यह है कि यह घटना उस दिन हुई जब मुख्यमंत्री आदित्यनाथ एक सार्वजनिक कार्यक्रम के लिए आगरा में ही थे.