पुराने केस में स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ गिरफ्तारी वॉरंट जारी, जानिए क्या है पूरा मामला
स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ एमपी-एमएलए कोर्ट ने गिरफ्तारी वॉरंट जारी किया है. सुल्तानपुर कोर्ट ने उनको आगामी 24 जनवरी तक पेश होने का आदेश…
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स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ एमपी-एमएलए कोर्ट ने गिरफ्तारी वॉरंट जारी किया है. सुल्तानपुर कोर्ट ने उनको आगामी 24 जनवरी तक पेश होने का आदेश दिया है.
साल 2014 में देवी-देवताओं पर कथित तौर पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में बुधवार, 12 जनवरी को मौर्य अदालत में हाजिर नहीं हुए.
इसके बाद अपर मुख्य दंडाधिकारी एमपी-एमएलए ने आरोपित मौर्य के खिलाफ पूर्ववत जारी गिरफ्तारी वॉरंट को जारी करने का आदेश दिया है. अब इस मामले में 24 जनवरी को सुनवाई की तारीख तय हुई है.
मौर्य के खिलाफ यह नया गिरफ्तारी वॉरंट नहीं है. वॉरंट पहले से जारी था, लेकिन उन्होंने हाई कोर्ट से 2016 से इस पर स्टे ले रखा था. इसी 6 जनवरी को एमपी-एमएलए कोर्ट ने मौर्य को 12 जनवरी को हाजिर होने को कहा था, जब वह हाजिर नहीं हुए तो वॉरंट पूर्ववत जारी कर दिया गया.
बता दें कि मौर्य इस वक्त उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने को लेकर चर्चा में हैं. न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, उन्होंने 14 जनवरी को समाजवादी पार्टी (एसपी) में शामिल होने की बात कही है. ऐसे में अब मौर्य के खिलाफ गिरफ्तारी वॉरंट जारी होने पर एसपी नेता आईपी सिंह की प्रतिक्रिया सामने आई है.
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उन्होंने ट्वीट कर कहा है, “बीजेपी ने श्री स्वामी प्रसाद मौर्य का ‘अरेस्ट वॉरंट’ नहीं, अपनी सरकार का ‘डेथ वॉरंट’ जारी किया है.”
भाजपा ने श्री स्वामीप्रसाद मौर्य का ‘अरेस्ट वारंट’ नहीं, अपनी सरकार का ‘डेथ वारंट’ जारी किया है।
— I.P. Singh (@IPSinghSp) January 12, 2022
क्या है पूरा मामला?
साल 2014 में बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के महासचिव रहने के दौरान स्वामी प्रसाद मौर्य ने लखनऊ की एक जनसभा में कथित तौर पर देवी-देवताओं के खिलाफ अभद्र टिप्पणी की थी. जिसके बाद सुल्तानपुर जिले के वकील अनिल कुमार तिवारी ने अदालत में उनके खिलाफ एक परिवाद दायर किया था.
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वकील अनिल तिवारी ने बताया, “2014 में स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ मैंने एक परिवाद दाखिल किया था क्योंकि उन्होंने देवी-देवताओं पर अभद्र टिप्पणी की थी. जिसमें कोर्ट ने उनको 195a में तलब किया था और इन्होंने तलबी के खिलाफ जिला न्यायालय में रिवीजन किया था. जिला न्यायालय द्वारा इनका रिवीजन निरस्त कर दिया गया था और इनको एनबीडब्ल्यू जारी किया गया था. इस एनबीडब्ल्यू के खिलाफ यह हाई कोर्ट गए, हाई कोर्ट में स्टे मिल गया और तब से यह फाइल हमारे सुल्तानपुर न्यायालय में विचाराधीन चल रही है.”
उन्होंने कहा, “चूंकि सुप्रीम कोर्ट में 6 माह से ज्यादा समय से जारी स्टे समाप्त समझा जाएगा. इस तरह माननीय एमपी-एमएलए कोर्ट ने एक आदेश जारी किया और 12 जनवरी को इनको (स्वामी प्रसाद मौर्य) न्यायालय में तलब होने का आदेश दिया था. 12 जनवरी यानी आज वह उपस्थित नहीं हुए थे. आज पूर्ववत एनबीडब्ल्यू इन्हें फिर से जारी कर दिया गया और अगली सुनवाई 24 जनवरी के लिए तय कर दी गई.”
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