70 लाख लगाए कुछ नहीं बिका, 17 मार्च को बेटी की शादी....महाकुंभ आए व्यापारी सुरेश की कहानी भावुक कर देगी

सिमर चावला

महाकुंभ में जहां दिन पर दिन श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है, वहीं यहां के पॉश मार्केट में सिर्फ सन्नाटा है. कुछ दुकानदार भारी नुकसान के चलते दुकानें बंद कर लौट चुके हैं, जबकि कुछ यूपी Tak के कैमरे के सामने अपने दर्द को साझा करते हुए भावुक हो गए.

ADVERTISEMENT

Mahakumbh News
Mahakumbh News
social share
google news

Mahakumbh News: महाकुंभ में जहां दिन पर दिन श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है, वहीं यहां के पॉश मार्केट में सिर्फ सन्नाटा है. देश के अलग-अलग हिस्सों से आए व्यापारियों का आरोप है कि प्रशासन की अव्यवस्था और अनावश्यक ट्रैफिक डायवर्जन ने उनकी रोजी-रोटी छीन ली है. ग्राहकों के न पहुंचने से उनका व्यापार ठप हो गया है. कुछ दुकानदार भारी नुकसान के चलते दुकानें बंद कर लौट चुके हैं, जबकि कुछ यूपी Tak के कैमरे के सामने अपने दर्द को साझा करते हुए भावुक हो गए. उम्मीदों से सजे बाजारों में अब मायूसी का अंधेरा छा गया है. 

उत्तराखंड से महाकुंभ में दुकान लगाने आए सुरेश कुमार गुप्ता नामक व्यापारी ने कहा, "इस मेले में मेरा सामान 25% भी नहीं बिका है. नीलामी के बाद उचित बोली बोलकर हमने दुकान खरीदी थी. टोटल दुकान की कीमत 15 लाख रुपये है. प्रशासन अपनी बता पर खड़ा नहीं उतरा. हम व्यापारी लोग रो गए हैं. अगले महीने 17 मार्च को मेरी बेटी की शादी है. लाखों रुपये कर्जा लेकर मैंने 70 लाख का इन्वेस्टमेंट किया. हमने कुछ कमाया नहीं बल्कि गंवा दिया."

उन्होंने आगे कहा, "मेरी दुकान का खर्चा तक नहीं निकला है. बेटी के बारे में मैंने क्या-क्या सपने सोच कर रखे थे. पता नहीं वो सपना पूरा होगा कि नहीं होगा. प्रशासन ने जो वादे किए थे उन्हें पूरा नहीं किया."

यह भी पढ़ें...

यूपी Tak से बातचीत में व्यापारी आशीष पांडे ने कहा, "काम बहुत बेकार चल रहा है, यहां कुछ भी नहीं है. मेला प्रशासन ने बैरिकेडिंग कर दी है, जिसकी वजह से यहां कोई भी नहीं आ रहा है. रिकवरी छोड़िए हम डेली के खर्चे नहीं निकाल पा रहे हैं. मेरा यहां टोटल इन्वेस्टमेंट 22 से 25 लाख का है. मैंने उसका 5% भी निकाला है. आज मैंने बस 1000 रुपये की बिक्री की है."

आपको यह भी बता दें कि कई दुकानदार भारी नुकसान के चलते अपनी दुकानें बंद कर अपने घर लौट गए हैं. एक व्यापारी ने कैमरे पर दिखाया कि किस तरह कई दुकानें अब पूरी तरह बंद पड़ी हैं, क्योंकि दुकानदार अपना स्टॉक नहीं बेच सके और भारी घाटा झेलने के बाद उन्हें मजबूरी में वापस जाना पड़ा. व्यापारियों ने प्रशासन से इस गंभीर स्थिति पर ध्यान देने और उचित मुआवजे की मांग की है.

    follow whatsapp