‘काशी तमिल संगमम’ में नॉलेज पार्टनर होंगे आईआईटी मद्रास और बीएचयू
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), मद्रास और बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) केंद्र सरकार की ‘काशी तमिल संगमम’ पहल में ज्ञान सहयोगी (नॉलेज पार्टनर) के रूप में…
ADVERTISEMENT
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), मद्रास और बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) केंद्र सरकार की ‘काशी तमिल संगमम’ पहल में ज्ञान सहयोगी (नॉलेज पार्टनर) के रूप में काम करेंगे. आईआईटी मद्रास ने यह जानकारी दी.
‘काशी तमिल संगमम’ का आयोजन 16 नवंबर से 20 दिसंबर के दौरान किया जाएगा. केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और सूचना प्रसारण राज्य मंत्री एल. मुरुगन ने बृहस्पतिवार इसकी घोषणा की थी.
संस्थान के बयान के अनुसार, ‘‘ आईआईटी, मद्रास और बीएचयू… केंद्र सरकार के ‘काशी तमिल संगमम’ पहल में ज्ञान सहयोगी (नॉलेज पार्टनर) के रूप में काम करेंगे.’’
इसमें कहा गया है कि इस पहल का मकसद काशी और तमिलनाडु के बीच गहरे अकादमिक, आर्थिक, सामाजिक एवं सांस्कृति संबंधों को रेखांकित करना है. इसके तहत अतिथि समूहों में ट्रेनों के जरिये 12 अलग अलग तरीखों पर चेन्नई, कोयंबटूर और रामेश्वरम जायेंगे. प्रत्येक समूह प्रारंभ से वापस लौटने तक आठ दिन गुजारेंगे.
यह भी पढ़ें...
ADVERTISEMENT
बयान के अनुसार इस दौरे के तहत समूह अकादमिक सत्रों में हिस्सा लेंगे तथा काशी, अयोध्या सहित अन्य स्थानों पर जायेंगे. साथ ही गंगा क्रूज का भी आनंद उठायेंगे.
काशी-तमिल संगमम ज्ञान के विभिन्न पहलुओं-साहित्य, प्राचीन ग्रंथों, दर्शन, आध्यात्मिकता, संगीत, नृत्य, नाटक, योग, आयुर्वेद, हथकरघा, हस्तशिल्प के साथ-साथ आधुनिक नवाचार, व्यापारिक आदान-प्रदान, ‘एजुटेक’ और अगली पीढ़ी की अन्य प्रौद्योगिकी आदि जैसे विषयों पर केंद्रित होगा.
शिक्षा मंत्रालय के अनुसार, संभावित तौर पर छात्रों, शिक्षकों, साहित्यकारों, सांस्कृतिक विशेषज्ञों, पेशेवरों (कला, संगीत, नृत्य, नाटक, लोक कला, योग, आयुर्वेद), उद्यमियों, व्यवसायी, कारीगर, विरासत संबंधी विशेषज्ञ सहित 12 ऐसे समूहों की पहचान की गई है.
ADVERTISEMENT
बीएचयू की छात्रा को ब्लैकमेल कर डेढ़ साल तक ‘रेप’ करता रहा डॉक्टर, पुलिस ने दर्ज किया केस
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT