भोले बाबा का विश्रामगृह, गेट ऐसा मानों 'बुलंद दरवाजा', कमल की डिजाइन संग बने हैं ये चिह्न
Hathras Stampede News: हाथरस में हुई भगदड़ के बाद भोले बाबा उर्फ नारायण साकार हरि खूब चर्चा में हैं. बता दें कि हाथरस जिले में बाबा के सत्संग के दौरान भगदड़ मची, जिसके चलते 121 लोगों की अबतक मौत हो चुकी है.
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Hathras Stampede News: हाथरस में हुई भगदड़ के बाद भोले बाबा उर्फ नारायण साकार हरि खूब चर्चा में हैं. बता दें कि हाथरस जिले में बाबा के सत्संग के दौरान भगदड़ मची, जिसके चलते 121 लोगों की अबतक मौत हो चुकी है. इस बीच यूपी Tak की टीम बाबा के कासगंज स्थित बहादरपुर गांव पहुंची है. यहां हमें एक ऐसे विश्रामगृह की जानकारी हासिल हुई है, जहां बाबा सत्संग के बाद आराम करने आते थे. खबर में आगे आप इस विश्रामगृह की एक्सक्लूसिव जानकारी विस्तार से हासिल कर सकते हैं.

आपको बता दें कि भोले बाबा के विश्रामगृह की तस्वीर सामने आई है. इस तस्वीर में साफ तौर पर विश्रामगृह के विशाल गेट को देखा जा सकता है. गेट पर कमल चिह्न बने हुए हैं. साथ ही इसपर लिखा है, 'सत्य रूपी ज्वाला साकार विश्व हरी की संपूर्ण ब्रह्मांड में सदा-सदा के लिए जय-जय कार हो.'
मिली जानकारी के अनुसार, जब बाबा इस आश्रम में सत्संग के बाद आते हैं, तब ही यह गेट खुलता है. वहीं, जब बाबा इस विश्रामगृह में आराम करने के बाद जाते हैं, तब इस गेट को तब तक के लिए बंद कर दिया जाता है, जबतक बाबा यहां वापस नहीं आते हैं.
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यहां पहुंची यूपी Tak की टीम ने विश्रामगृह के बाहर खड़े संतपाल नामक सेवदार से बात की. संतपाल ने हमें बताया, कि वह यहां निःशुल्क और निस्वार्थ भाव से सेवा कर रहे हैं. यहां सेवादारों की चार घंटे की ड्यूटी लगती है. सेवादार एक हफ्ते के लिए ड्यूटी करने आते हैं. संतपाल ने बताया कि गेट तब खुलता है, जब बाबा यहां आते हैं.
कैसे हुआ ये हादसा?
गौरतलब भाई कि नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा का मंगलवार को हाथरस में सत्संग था. इसमें कथित तौर पर उनके पैरों की धूल लेने और उन्हें छूने के लिए भगदड़ मच गई. अंध श्रद्धा में लोगों का हुजूम टूटा जो सैकड़ों लोगों का काल बन गया. इस मामले में FIR दर्ज हो चुकी है. मगर इसमें भोले बाबा का नाम नहीं है. समाजवादी पार्टी ने इसपर सवाल उठाए हैं. इस बीच भोले बाबा को लेकर उनके भक्त और श्रद्धालु अनेक कथित चमत्कारिक दावे कर रहे हैं.