COVID से मौतें: जानिए कैसे मिलेगा 50 हजार का मुआवजा, UP सरकार की गाइडलाइन्स देखें
उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को 50-50 हजार रुपये का मुआवजा देने के संबंध में…
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उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को 50-50 हजार रुपये का मुआवजा देने के संबंध में सरकार ने गाइडलाइन्स जारी की हैं. न्यूज एजेंसी ‘एएनआई’ के मुताबिक, इसे लेकर मनोज कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव, उत्तर प्रदेश शासन ने सभी मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों को लेटर लिखा है.
लेटर में बताया गया है कि upcovid19tracks.in पोर्टल पर कोरोना की शुरुआत से लेकर 18.10.2021 तक कोविड-19 से मृतकों की संख्या 22,898 है.
लेटर में यह भी बताया गया है कि प्रदेश में पंचायत निर्वाचन में ड्यूटी पर लगे कर्मियों की कोविड-19 से मौत की दशा में प्रति व्यक्ति 30 लाख रुपये की धनराशि उपलब्ध कराई गई है और कोविड-19 की रोकथाम में लगे कर्मियों को कोविड-19 से मौत की दशा में प्रति व्यक्ति 50 लाख रुपये की धनराशि उपलब्ध कराई गई है. इन श्रेणी के परिवार को 50 हजार रुपये की मुआवजा राशि उपलब्ध नहीं कराई जाएगी.
गाइडलाइन्स में और क्या कहा गया है
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कोविड-19 संक्रमण से मृत व्यक्तियों के परिजनों को राज्य आपदा मोचक निधि से 50,000 रुपये की धनराशि प्रति मृतक अनुग्रह सहायता प्रदान करने के लिए मृतक के मृत्य प्रमाण-पत्र में ‘मृत्यु कोविड-19 के संक्रमण से हुई है‘ अंकित करना होगा. इसके अलावा, ‘मृत्यु कोविड-19 के संक्रमण से हुई है’, को प्रमाणित करने के लिए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के दिशा निर्देश दिनांक 03.09.2021 के अनुसार, प्रत्येक जिला स्तर पर अपर जिला अधिकारी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी, प्रधानाचार्य या मेडिकल कॉलेज के विभागाध्यक्ष मेडिसिन और एक विषय विशेषज्ञ की COVID-19 Death Ascertaining Committee (CDAC) गठित की जाएगी.
जिलाधिकारी की ओर से, कोविड-19 से मौत से संबंधित सहायता प्राप्त करने के लिए आवेदन-पत्रों की प्राप्ति के लिए ‘कोविड-19 अहेतुक सहायता आवेदन पत्र प्राप्ति सेल‘ का गठन करते हुए जरूरी स्टाफ तैनात कर पर्याप्त व्यवस्था की जाएगी.
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आवेदन पत्र प्राप्ति सेल में तैनात अधिकारी की तरफ से आवेदन पत्र के मिलते ही उस पर प्राप्ति का क्रमांक, तिथि और समय अंकित किया जाएगा. आवेदक को प्राप्ति रसीद निर्धारित प्रारूप पर हस्ताक्षर और मोहर लगाकर दी जाएगी.
‘कोविड-19 अहेतुक सहायता आवेदन पत्र प्राप्ति सेल‘ में रजिस्टर रखा जाएगा, जिसमें प्रत्येक आवेदन पत्र की एंट्री निर्धारित प्रारूप पर की जाएगी. इसी रजिस्टर पर अंकित क्रमांक को प्राप्ति रसीद पर अंकित करते हुए आवेदक को दिया जाएगा.
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जिन आवेदन पत्रों के साथ संलग्न मृत्यु प्रमाण-पत्र में कोविड-19 से मौत का जिक्र नहीं है ऐसे मामलों को चिकित्सा और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा निर्गत दिशा-निर्देश के बिंदु संख्या-4 के अनुसार मृत्यु के कारण के सत्यापन / चिकित्सा प्रमाण-पत्र हेतु गठित कमेटी द्वारा मृत्यु के कारणों का सत्यापन किया जाएगा. इस कमेटी की ओर से आवेदकों की शिकायतों का निस्तारण लिखित में स्पष्ट आदेश पारित करते हुए किया जाएगा.
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जिलाधिकारी की तरफ से ‘कोविड-19 अहेतुक सहायता आवेदन पत्र प्राप्ति सेल‘ में प्राप्त सभी आवेदन पत्रों को राहत आयुक्त कार्यालय की वेबसाइट rahat.up.nic.in पर आवेदन पत्र प्राप्ति से एक सप्ताह के अंतर्गत फीड किया जाएगा.
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जिलाधिकारियों की तरफ से राहत आयुक्त कार्यालय की वेबसाइट rahat.up.nic.in पर फीडेड लाभार्थियों की संख्या के अनुसार राज्य आपदा मोचक निधि से धनराशि का आवंटन संबंधित जिले को किया जाएगा.
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.राहत आयुक्त कार्यालय की वेबसाइट rahat.up.nic.in पर उक्तानुसार फीड किए गए मृतक के परिजनों को अहेतुक सहायता की धनराशि 50,000 रुपये/- राज्य आपदा मोचक निधि से प्रदान करने के लिए जिलाधिकारी की ओर से स्वीकृति प्रदान करते हुए कोषागार के ई-कुबेर प्रणाली से आधार लिंक्ड डीबीटी के जरिए लाभार्थी के बैंक खाते में सीधा ट्रांसफर किया जाएगा.
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जिलाधिकारी द्वारा प्राप्त सभी दावों का निस्तारण आवेदन पत्र (समस्त आवश्यक अभिलेखों सहित) प्राप्त होने के 30 दिन के अंदर किया जाएगा.
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कोविड-19 से होने वाली मौत से प्रभावित परिवारों को 50,000 रुपये/- की अनुग्रह सहायता दिए जाने की यह योजना कोविड-19 महामारी के भविष्य के चरणों में होने वाली मौत/अगली अधिसूचना तक प्रभावी होगी.
आपको बता दें कि कोविड-19 के कारण मारे गए लोगों के परिजनों को 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि देने की सिफारिश राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने की थी.
सुप्रीम कोर्ट ने दिया था ये आदेश
जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस एएस बोपन्ना की बेंच ने कहा था कि कोविड-19 की वजह से मृत्यु प्रमाणित किए जाने और जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकार/जिला प्रशासन के पास आवेदन जमा करने की तारीख के 30 दिन के अंदर राज्य आपदा राहत कोष से मुआवजा वितरित किया जाए. बेंच ने राज्यों और केंद्र से यह भी कहा था कि वह प्रिंट मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के जरिए इस योजना का व्यापक प्रचार करें.
बेंच ने एनडीएमए के दिशा-निर्देशों को मंजूरी देते हुए कहा था कि पहले से जारी मृत्यु प्रमाण पत्र और परिवार के किसी सदस्य के असंतुष्ट होने पर परिजन उपयुक्त प्राधिकारी से संपर्क कर सकते हैं.
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