बांदा: तन्हाई बैरक में बंद मुख्तार अंसारी की उड़ी नींद, इन बातों से डरे माफिया ने बदली दिनचर्या
Uttar Pradesh News: बांदा जेल में बंद बाहुबली माफिया मुख्तार अंसारी का नाम चर्चा में तो है लेकिन उसका अब वो रुतबा नहीं रहा. एक…
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Uttar Pradesh News: बांदा जेल में बंद बाहुबली माफिया मुख्तार अंसारी का नाम चर्चा में तो है लेकिन उसका अब वो रुतबा नहीं रहा. एक जमाने मे मुख्तार का महज नाम लेने से लोग कांपते थे और अब वहीं बाहुबली की बादशाहत मिट्टी में मिल गयी है. सरकार ने फंदा कसा तो कांच के टुकड़ों की तरह माफिया की तिलिस्म बिखर गया. जेल में मुख्तार इन दिनों में मुकदमों और परिवार की टेंशन में बेचैनी भरे दिन काट रहा है. जेल में न सोने का समय है न जागने का, मुकदमों और परिवार की टेंशन से माफिया बेजार हो गया माफिया. जेल की तन्हाई बैरक में सजा के एक-एक पल काटने को मजबूर है.
जेल में बदली मुख्तार की दिनचर्या
जेल में बंद मुख्तार अंसारी की दिनचर्या इन दिनों बदली बदली सी नजर आ रही है. मुख्तार देर रात सोता है और सुबह देर से जागता है. खाना भी देर से ही खाता है. बस किताबे पढ़कर ज़िंदगी के एक-एक सेकंड बेचैनी से काट रहा है. कुल मिलाकर जेल में इन दिनों बाहुबली मुख्तार अंसारी बड़ा परेशान नजर आ रहा है.
बता दें कि मुख्तार करीब 2 दशक से जेल में बन्द है. बदशाहत तो इतनी थी कि जेल से ही बैठकर चुनाव जीतता था, जो चाहता था वो चुटकी में करा लेता था, लेकिन जब उसकी बदशाहत मिट्टी में मिलनी शुरू हो गयी है.
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जेल में देर तक जागता है मुख्तार
जानकारी है कि उसके खिलाफ 61 दर्ज मुकदमो में 5 मामलों में सजा भी हो चुकी है. जिससे वो मुकदमों की टेंशन के साथ साथ उसे परिवार की चिंता सता रही है. चिंता के कारण उसकी दिनचर्या भी बदल गयी है. जेल के ज्ञात सूत्र बताते हैं कि इन दिनों मुख्तार देर से सोता है और सुबह देर से जागता है. कभी तो उसे सोने में एक बज जाता है. इन दिनों वो देर से जागने के बाद 2 बजे नहाता है, फिर खाना खाता है. जिस दिन पेशी होती है तो जल्दी तैयार हो जाता है. जेल में एक जमाने मे मनमुताबिक खाने का शौक रखने वाला मुख्तार इन दिनों ठंडा खाना खा रहा है. उसे 12 बजे के आसपास खाना दिया जाता है, लेकिन वो दिनचर्या बदल जाने के बाद 2 बजे के बाद ही खाता है. शाम में 7 बजे उसे खाना देकर बन्द कर दिया जाता है, लेकिन देर रात खाता है.
मुकदमों और परिवार की टेंशन में परेशान मुख्तार
जेल के ज्ञात सूत्र ने तो यह तक बताया कि इन दिनों मुकदमो और परिवार की टेंशन में उजड़ा हुआ नजर आता है. दिन भर किताबे और अपनी मुकदमो की फ़ाइल पढ़ता रहता है. मुख्तार तन्हाई बैरक में तन्हा भरे एक एक पल काटने को मजबूर है. क्योंकि वो खुद जानता है अब कोई सुनने वाला नहीं है. कोर्ट में पेशी के दौरान खुद घंटो बहस करता है.
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जेल अधीक्षक ने बताई ये बात
जेल अधीक्षक वीरेश राज शर्मा ने यूपीतक को बताया कि, ‘मुख्तार के खिलाफ कई मामले दर्ज हैं. महीने में कई बार पेशी होती रहती हैं. उसकी सुरक्षा में तैनात डिप्टी जेलर उसे तैयार कर वीडियो कांफ्रेंसिंग कक्ष लाते हैं. कोर्ट के सामने खुद बहस करता है. सजा होने के बाद परेशान तो रहता ही है. सुरक्षा एक दम चुस्त दुरुस्त है. कोई भी परिंदा पर नही मार सकता. उन्होंने यह भी कहा कि दिनचर्या तो हर व्यक्ति की बदलती रहती है.’
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