आ गया 8वें वेतन आयोग पर सबसे बड़ा अपडेट, 50 लाख सरकारी कर्मचारियों की सैलरी पर कब होगा असर?
केंद्रीय कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी. सरकार ने 8वें वेतन आयोग के गठन को अंतिम मंजूरी दे दी है. सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जज रंजना प्रकाश देसाई अध्यक्ष होंगी. जानें कब से बढ़ेगी आपकी सैलरी और क्या हैं आयोग के दिशा-निर्देश.
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देश के करीब 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर सामने आई है. केंद्र सरकार ने आठवें वेतन आयोग के गठन की प्रक्रिया को अंतिम रूप दे दिया है. कैबिनेट ने सोमवार को आयोग के कार्यक्षेत्र (Terms of Reference) को मंजूरी दे दी, जिससे अब कर्मचारियों के वेतन, भत्ते और पेंशन में बंपर बढ़ोतरी का रास्ता साफ हो गया है. सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जज रंजना प्रकाश देसाई को इस आयोग का अध्यक्ष बनाया गया है. यह आयोग अगले 18 महीनों में अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगा.
कौन करेगा वेतन की समीक्षा?
आठवां वेतन आयोग एक तीन सदस्यीय अस्थायी निकाय होगा. इसकी अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जज रंजना प्रकाश देसाई करेंगी. उनके साथ आईआईएम बेंगलुरु के प्रोफेसर पुलक घोष अंशकालिक सदस्य और पेट्रोलियम सचिव पंकज जैन सदस्य-सचिव के तौर पर शामिल होंगे. यह आयोग अपने गठन की तारीख से 18 महीने के भीतर अपनी सिफारिशें देगा. जिन्हें 1 जनवरी 2026 से लागू किए जाने की उम्मीद है.
किन बातों का रखा जाएगा ध्यान?
सरकार ने आयोग के लिए कुछ महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश तय किए हैं, जिनका ध्यान रखकर ही सिफारिशें तैयार की जाएंगी. आयोग को कर्मचारियों का वेतन तय करते समय देश की आर्थिक स्थिति और वित्तीय अनुशासन को प्राथमिकता देनी होगी. साथ ही यह भी सुनिश्चित करना होगा कि सरकार के पास विकास और कल्याणकारी योजनाओं के लिए पर्याप्त पैसा बचा रहे. इसके अलावा, आयोग की सिफारिशों का राज्यों के खजाने पर पड़ने वाले असर और प्राइवेट सेक्टर में कर्मचारियों को मिलने वाले वेतन का भी विश्लेषण किया जाएगा.
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क्या होता है वेतन आयोग?
केंद्रीय वेतन आयोग का गठन हर दस साल में एक बार किया जाता है. इसका मुख्य काम केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन, भत्तों, पेंशन और अन्य सेवा शर्तों की समीक्षा करना और समय के साथ उनमें जरूरी बदलावों की सिफारिश करना है. 7वें वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी 2016 से लागू हुई थीं. इसी क्रम में अब 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी 2026 से लागू होने की उम्मीद है. सरकार ने इसी साल जनवरी में आयोग के गठन को सैद्धांतिक मंजूरी दी थी, और अब इसके कार्यक्षेत्र को भी अंतिम रूप दे दिया गया है.











