अखिलेश ने सुनाई थी राहुल गांधी वाली कहानी, CM योगी को मिल गया मजे लेने का मौका, ये सब कहा
बजट पर नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव की प्रतिक्रिया के बाद मंगलवार को सीएम योगी आदित्यनाथ ने जवाब देते हुए अपने संबोधन में कहा कि बच्चे…
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बजट पर नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव की प्रतिक्रिया के बाद मंगलवार को सीएम योगी आदित्यनाथ ने जवाब देते हुए अपने संबोधन में कहा कि बच्चे भोले होते हैं पर मन के सच्चे होते हैं. फर्क बहुत ज्यादा नहीं है. राहुल गांधी देश के बाहर देश की बुराई करते हैं, आप यूपी में रहकर यहां की बुराई करते हैं. ध्यान देने वाली बात है कि नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने अपने संबोधन में कहा था कि एक बार एक बच्चे ने उन्हें राहुल गांधी समझ लिया. इसी बात का जवाब सीएम योगी ने चुटकीले अंदाज में दिया.
यूपी को कहां लेकर जा रहे थे- सीएम योगी
सीएम योगी ने कहा कि 1947 में जब देश आजाद हुआ तो यूपी की पर कैपिटा इनकम देश के बराबर ही थी. समाजवादी पार्टी की सरकार के समय प्रति व्यक्ति आय नेशनल इनकम का एक तिहाई रह गई. सीएम योगी ने कहा कि 1947 में 259 रुपए प्रति व्यक्ति आय थी. कहां हम लेकर जा रहे थे यूपी को.
कोई स्कीम पार्टी के नाम पर नहीं होती है- सीएम
यूपी में पोटेंशियल है. जो भी किया गया है विगत 5 सालों के भीतर किया गया है. कोई स्कीम पार्टी के नाम पर नहीं होती है. ये यूपी की जनता के उत्थान के लिए हुआ है. जब तक हमारे लक्ष्य ऊंचे नहीं होंगे तब तक हमारी उपलब्धियां भी बड़ी नहीं होंगी. लक्ष्य को कम करके उपलब्धियां भी हासिल नहीं हो सकेंगी. बजट का दायरा बढ़ा है. दोगुना से ज्यादा बजट की राशि को बढ़ाने में सफल हुए हैं. कोविड प्रबंधन का कार्य हुआ है. औद्योगिक विकास को नई गति दी गई है.
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सीएम योगी ने कहा कि हमारा बजट वर्ष 2015-16 में 3 लाख 2 हजार 687 करोड़ का था. वहीं अब ये दोगुने भी ज्यादा हो गया है. इसके पीछे का कारण बताते हुए सीएम योगी ने कहा कि हमने राजस्व को बढ़ाया है. 2017 के अंदर जीएसटी नहीं था. उससे पहले सेल्स टैक्स और वैट था. उस समय इससे मिली धनराशि 51 हजार 800 करोड़ थी. COVID 19 के बावजूद इसके दायरे को बढ़ाकर 90 हजार करोड़ करने में हमें सफलता मिली है. इसके साथ ही सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश में बेरोजगरी का रेट पहले 18 फीसदी से अधिक था जो आज महज 2.9 फीसदी रह गया है.
ऐसे बढ़ा रेवेन्यू
साल 2016-17 में एक्साइज में 2014 हजार 273 करोड़ रुपए मिले थे. साल 2021-22 में यह बढ़कर 36 हजार 231 करोड़ से ज्यादा हो गया. स्टंप और रजिस्ट्रेशन में वर्ष 2016-17 में 11 हजार 564 करोड़ प्राप्त हुआ जो अब बढ़कर 20 हजार 45 करोड़ 68 लाख तक पहुंच गया है. माइनिंग में 1548 करोड़ से 2664 करोड़ पहुंचाने में सफलता प्राप्त की. प्रदेश ने अपने रेवेन्यू को बढ़ाया है. इसके आधार पर भी विकास की आधारशिला तैयार हुई है. प्रदेश की अर्थव्यवस्था विगत 5 साल के अंदर दोगुनी हुई है.
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यूपी के 25 करोड़ जनता को ध्यान में रखकर योजनाएं बनाई गईं. कोविड काल में सरकार प्रदेश की जनता के साथ खड़ी रही. कोविड काल में कोई नया टैक्स नहीं लगाया. स्ट्रीट वेंडर, श्रमिक को भरण-पोषण भत्ता देने का काम रहा हो. उज्जवला गैस के तहत फ्री सिलेंडर देने की बात रही हो या कोई नया टेक्स नहीं लगाने की बात. हमने सरकारी कर्मचारियों को वेतन-भत्ता और पेंशन भी दिया. बढ़ोत्तरी करके दी. एडवांस दिया. संकट के समय सरकार उनके साथ खड़ी थी. हमने बजट का दायरा बढ़ाया.
इसकी सजा जनता दे रही है
सीएम योगी ने नेता प्रतिपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए उनकी ही तरफ इशारा करते हुए कहा कि गरीब कल्याण योजना से जो आपका वैराग्य भाव था उसकी सजा जनता दे रही है. सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश के भीतर सरकारी योजनाओं का लाभ 35 फीसदी तक लिया गया है. उत्तर प्रदेश के नागरिक के हितों के लिए कार्य करना नैतिक दायित्व होता है. विकास में कोई भेद-भाव नहीं होगा. विकास सबका होगा पर तुष्टिकरण किसी का नहीं होगा.
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