UP पुलिस भर्ती परीक्षा रद्द होने के बाद अब RO ARO एग्जाम को लेकर आया बड़ा अपडेट
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) द्वारा बीते 11 फरवरी को आयोजित की गई समीक्षा अधिकारी/ सहायक समीक्षा अधिकारी (प्रारंभिक) परीक्षा-2023 से जुड़ी शिकायतों की भी जांच कराने का निर्णय लिया है.
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उत्तर प्रदेश सरकार ने शनिवार को राज्य के विभिन्न जिलों में 17 और 18 फरवरी को हुई पुलिस भर्ती परीक्षा को निरस्त कर दिया. इसके साथ ही सरकार ने छह माह के भीतर फिर से परीक्षा कराने के आदेश दिए हैं. इस बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) द्वारा बीते 11 फरवरी को आयोजित की गई समीक्षा अधिकारी/ सहायक समीक्षा अधिकारी (प्रारंभिक) परीक्षा-2023 से जुड़ी शिकायतों की भी जांच कराने का निर्णय लिया है. बता दें कि शासन ने अभ्यर्थियों से 27 फरवरी तक पेपर संबंधी आपत्तियों को सबूत के साथ मांगा है.
बता दें कि UPPSC की आरओ-एआरओ की परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों ने दावा किया कि परीक्षा होने से पहले ही पेपर लीक हो गया है. अभ्यर्थियों ने परीक्षा से जुड़े पेपर का स्क्रीनशॉट और वीडियो शेयर करते हुए कार्रवाई की मांग की थी.
मालूम हो कि कर्मिक और नियुक्ति विभाग को अपने नाम और पते के साथ अभ्यर्थी सूबतों के साथ ऑनलाइन शिकायत दर्ज करा सकते हैं. अपर मुख्य सचिव डॉ. देवेश चतुर्वेदी की ओर से जारी एक नोटिस के माध्यम से जानकारी दी गई है. नोटिस में कहा गया है कि शासन को संज्ञान में लाए गए तथ्यों और शिकायतों के मद्देनजर परीक्षा की शुचिता व पारदर्शिता के उद्देश्य से यह फैसला लिया गया है कि परीक्षा के संबंध में प्राप्त शिकायतों का शासन स्तर पर परीक्षण किया जाए.
इस मेल आईडी पर भेजें आपत्तियां
नोटिस में आगे लिखा है कि परीक्षा के संबंध में किसी भी प्रकार की शिकायत या उसकी शुचिता को प्रभावित करने वाले तथ्यों को संज्ञान में लाना चाहें तो वह अपना, पता और सबूतों के साथ कार्मिक और नियुक्ति विभाग की ई-मेल आईडी secyappoint@nic.in पर भेज सकते हैं.
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यूपी सरकार ने भर्ती बोर्ड को क्या निर्देश दिए?
आपको बता दें कि शासन ने भर्ती बोर्ड को यह निर्देश दिए हैं कि जिस भी स्तर पर लापरवाही बरती गई है, उनके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराकर अग्रिम वैधानिक कार्यवाही सुनिश्चित की जाए. शासन ने प्रकरण की जांच उत्तर प्रदेश पुलिस के विशेष कार्यबल (एसटीएफ) से कराए जाने का निर्णय लिया है. दोषी पाए जाने वाले व्यक्तियों अथवा संस्थाओं के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई किए जाने के भी निर्देश दिए गए हैं. शासन ने 6 माह के अंदर पूर्ण शुचिता के साथ पुनः परीक्षा आयोजित करने तथा उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की सेवा अभ्यर्थियों को निःशुल्क उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं.
गौरतलब है कि उप्र पुलिस के आरक्षी (सिपाही) के 60 हजार से अधिक पदों के लिए 17 व 18 फरवरी को राज्य के सभी 75 जिलों में परीक्षा आयोजित की गई थी, जिसमें करीब 48 लाख अभ्यर्थी शामिल हुए थे.
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