पीलीभीत में 3000 सिखों का डरा-धमकाकर कराया गया धर्म परिवर्तन? महिला बोली- 2 लाख रुपये देने की कही गई बात
Pilibhit Religious Conversion: पीलीभीत में धर्म परिवर्तन का गंभीर मामला, सिख महिला की शिकायत पर आठ नामजद, सिख संगठन ने की कड़ी कार्रवाई की मांग.
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Pilibhit Religious Conversion: उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले के नेपाल सीमा से लगे गांवों में सिख समुदाय के लोगों का जबरन धर्म परिवर्तन कराए जाने का गंभीर मामला सामने आया है. इस मामले की शुरुआत एक सिख महिला मंजीत की शिकायत से हुई, जिसने आरोप लगाया कि उसके पति को बहला-फुसलाकर पहले ही ईसाई धर्म में परिवर्तित कर दिया गया है और अब पूरे परिवार पर धर्म परिवर्तन का दबाव डाला जा रहा है. खबर में आगे विस्तार से जानिए के है पूरा मामला और अब तक पुलिस ने क्या एक्शन लिया है?
धर्म परिवर्तन के पीछे का नेटवर्क
पीलीभीत के हजारा थाना क्षेत्र के बैल्हा, टाटरगंज और बम्मनपुरा भगीरथ गांवों में यह सिलसिला वर्षों से चल रहा है. आरोप है कि नेपाल से आए प्रोटेस्टेंट पादरी 2020 से इन इलाकों में सक्रिय हैं और आर्थिक रूप से कमजोर सिख परिवारों को अंधविश्वास, बीमारी से छुटकारे की कथित सभाओं और आर्थिक सहायता के बहाने ईसाई बना रहे हैं. यही नहीं, सिख धर्म छोड़ चुके कुछ लोगों को पास्टर बनाकर अन्य सिखों पर धर्म परिवर्तन का दबाव बनाने का काम सौंपा गया है.
महिला ने क्या आरोप लगाया?
मंजीत नामक महिला ने बताया कि पहले उसके पति को बहलाकर धर्म बदलवाया गया और अब पूरे परिवार को ईसाई बनाने के लिए दबाव डाला जा रहा है. उसने आरोप लगाया कि जब उसने इनकार किया तो आरोपियों ने उसके खेत को नुकसान पहुंचाया, उसके बच्चों के साथ मारपीट की और सरकारी योजनाओं का लाभ दिलवाने व दो लाख रुपये देने का लालच भी दिया. महिला ने खुद और अपने परिवार की सुरक्षा की मांग की है.
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पुलिस ने मंजीत की शिकायत के आधार पर आठ नामजद और दर्जनों अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है. फिलहाल पुलिस जांच कर रही है और प्रमुख आरोपी फरार हैं.
सिख संगठनों ने किया ये बड़ा दावा
इस पूरे मामले पर ‘ऑल इंडिया सिख पंजाबी वेलफेयर काउंसिल’ के प्रदेश अध्यक्ष हरपाल सिंह जग्गी ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर तीखा विरोध जताया. उन्होंने बताया कि पीलीभीत के नेपाल सीमा से सटे गांवों में करीब 20 हजार सिख रहते हैं, जिनमें से अब तक करीब 3000 लोग अपना धर्म बदल चुके हैं. उनका आरोप है कि ये सब योजनाबद्ध तरीके से हो रहा है और नेपाल से आए पादरी 2012 से इस इलाके में सक्रिय हैं.
जग्गी ने कहा कि इस क्षेत्र में ‘सिंह’ उपनाम का उपयोग करते हुए भी कई लोग ईसाई बन चुके हैं, जिससे उनकी धार्मिक पहचान भी धुंधली हो रही है. उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक से निष्पक्ष जांच और सख्त कार्रवाई की मांग की है. साथ ही प्रशासन से अपील की कि जो लोग स्वेच्छा से धर्म बदल चुके हैं, उन्हें कानूनी रूप से दस्तावेज़ों में धर्म परिवर्तन की जानकारी देनी चाहिए.
सुरक्षा और साम्प्रदायिक सौहार्द पर खतरा
सिख संगठनों का कहना है कि यह मामला केवल धर्म परिवर्तन का नहीं है, बल्कि इससे साम्प्रदायिक सौहार्द और राष्ट्रीय सुरक्षा पर भी असर पड़ सकता है. नेपाल की सीमाओं से सटे क्षेत्रों में विदेशी ताकतें गरीब और पिछड़े लोगों को निशाना बना रही हैं, जिससे देश की आंतरिक सुरक्षा को भी खतरा हो सकता है. फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है और आरोपियों की गिरफ्तारी की कोशिशें जारी हैं.