यौन शोषण केस में बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी नहीं होने की असली वजह अब पता चली, जानिए
Brij Bhushan Sharan Singh News: दिल्ली पुलिस ने भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के निर्वतमान प्रमुख और कैसरगंज से भाजपा सांसद बृजभूषण सिंह के खिलाफ एक…
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Brij Bhushan Sharan Singh News: दिल्ली पुलिस ने भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के निर्वतमान प्रमुख और कैसरगंज से भाजपा सांसद बृजभूषण सिंह के खिलाफ एक नाबालिग पहलवान द्वारा दर्ज कराए गए यौन उत्पीड़न के मामले को रद्द करने का गुरुवार को अनुरोध करते हुए अदालत के समक्ष चार्जशीट दाखिल की. दिल्ली पुलिस ने लगभग डेढ़ हजार पन्नों की चार्जशीट दाखिल की है. अब चार्जशीट पर 22 जून को सुनवाई होगी. बता दें कि अक्सर इस बात की चर्चा रही कि यौन शोषण और पॉक्सो ऐक्ट जैसे गंभीर आरोप लगने के बावजूद बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी क्यों नहीं हो रही है? दूसरी तरफ विपक्ष ने भी आरोप लगाए कि भाजपा सांसद अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर बचे हुए हैं. हालांकि अब जब पुलिस ने चार्जशीट दाखिल कर दी है, तो ये खुलासा हो गया है कि बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी क्यों नहीं की जा रही थी. आइए आपको पहले स्टेप बाइ स्टेप बताते हैं कि ऐसी कौन सी चीजें हुईं जो बृजभूषण शरण सिंह के फेवर में गईं और गंभीर आरोपों के बावजूद बीजेपी सांसद अरेस्ट नहीं हुए.
नाबालिग ने पलटा बयान, बृजभूषण को मिली राहत
सूत्रों के मुताबिक, नाबालिग ने बृजभूषण शरण सिंह पर लगाए यौन शोषण के आरोप पहले ही वापस ले लिए हैं. बता दें कि नाबालिग अपने बयानों से पलट गई है. इससे पहले नाबालिग ने कोर्ट के सामने यौन शोषण की बात कही थी. मगर बाद में उसने अपना बयान बदल दिया. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, दूसरे बयान में नाबालिग ने यौन शोषण का आरोप वापस लेते हुए कहा है कि उसका सिलेक्शन नहीं हुआ था और उसने बहुत मेहनत की थी. वह तनाव में थी इसलिए उसने गुस्से में यौन शोषण का मामला दर्ज करवाया था. माना जा रहा है कि इसी कारण बृजभूषण को गिरफ्तारी से राहत भी मिली है.
दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में ये कहा
दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में कहा कि पॉक्सो मामले में जांच पूरी होने के बाद हमने शिकायतकर्ता यानी पीड़िता के पिता और स्वयं पीड़िता के बयानों के आधार पर मामले को रद्द करने का अनुरोध करते हुए धारा 173 CrPC के तहत एक पुलिस रिपोर्ट प्रस्तुत की है. पुलिस ने कहा कि पॉक्सो के आरोपों के संबंध में कोई ठोस साक्ष्य नहीं मिला है. वहीं, दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण के खिलाफ पॉक्सो मामले को हटाने की सिफारिश की है. पुलिस ने पॉक्सो चार्ज हटाने के लिए कोर्ट में 550 पेज की रिपोर्ट दाखिल की है.
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बृजभूषण पर तय हुए ये आरोप
आपको दें कि भले ही नाबालिग पहलवान के मामले में बृजभूषण को पुलिस की ओर से राहत मिली हो मगर चार्जशीट में पुलिस ने अन्य 6 महिलाओं के आरोपों पर बृजभूषण के खिलाफ 3 धाराओं में आरोप तय किए हैं. बता दें कि 6 महिला पहलवानों की शिकायत के आधार पर चार्जशीट फाइल हुई है. इसमें तीन धाराओं पर बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आरोप तय किए गए हैं. बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ धारा IPC की धारा 354A, IPC की धारा 354 और धारा 354 D के तहत आरोप तय किए गए हैं. आपको ये भी बता दें कि इन तीनों धाराओं में 7 साल से कम की सजा का प्रावधान है.
क्या है IPC धारा- 354A
भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर IPC धारा- 354A में आरोप तय किए गए हैं. आपको बता दें कि आईपीसी की धारा 354A में महिला को अनुचित तरीके से छूना, उसे मारना, उसके अंगों को गलत तरीके से टच करना या उसे किसी भी तरह से शर्मिंदा करना आदि शामिल है.
क्या है IPC की धारा 354
बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आईपीसी की धारा 354 के तहत भी आरोप तय किए गए हैं. इस धारा में महिला की मर्यादा और मान सम्मान को क्षति पहुंचाना, इस संबंध में उसपर हमला करना और उसके साथ गलत मंशा के साथ जोर जबरदस्ती करना शामिल है.
क्या है धारा 354 D
इस धारा में महिला का गलत इरादे से पीछा करना, किसी अन्य के लिए महिला का पीछा करना, या उसकी निगरानी करना आदि शामिल है. बता दें कि बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ इस धारा में भी आरोप तय किए गए हैं.
ये है मामला
गौरतलब है कि साक्षी मलिक, विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया और संगीता फोगाट जैसे शीर्ष पहलवानों ने बृजभूषण पर एक नाबालिग पहलवान समेत सात महिला पहलवानों के यौन शोषण का आरोप लगाया है. दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण के खिलाफ दो प्राथमिकी दर्ज की थीं. पहली प्राथमिकी एक नाबालिग पहलवान के यौन शोषण के आरोपों के मद्देनजर यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत दर्ज की गई थी. वहीं, दूसरी प्राथमिकी में शीलभंग करने संबंधी आरोप लगाए हैं.