कथावाचक अनिरुद्धाचार्य ने अखिलेश यादव को सीधे कह दी ये बात, अब क्या होगा?
समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया अखिलेश यादव और वृन्दावन के कथावचक अनिरुद्धाचार्य का एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल है.
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समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया अखिलेश यादव और वृन्दावन के कथावचक अनिरुद्धाचार्य का एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल है.

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बता दें कि जो वीडियो अब वायरल हो रहा है वह साल 2023 का है. वायरल वीडियो में दोनों के बीच शूद्र शब्द को लेकर विवाद हुआ.

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वीडियो में देखा सकता है कि अखिलेश यादव, अनिरुद्धाचार्य से कह रहे हैं 'आइंदा किसी को शूद्र मत कहना.' सोशल मीडिया अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर सपा समर्थक इस वीडियो को जमकर शेयर कर रहे हैं.

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वहीं इस वीडियो को लेकर कथावचक अनिरुद्धाचार्य का जवाब सामने आ गया है और उन्होंने बिना नाम लेते हुए अखिलेश यादव पर करारा प्रहार किया है.

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जानकारी दे दें कि कथावचक अनिरुद्धाचार्य ने अपने यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो शेयर किया. वीडियो में उन्होंने सपा चीफ अखिलेश यादव का नाम लिए बिना हमला बोलते हुए कहा, "यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री वो मुझसे कहते हैं आपका रास्ता अलग, मेरा रास्ता अलग. क्योंकि मैंने उनके पूछे गए सवाल का उनके मन मुताबिक उत्तर नहीं दिया. मैंने वही उत्तर दिया जो सच है... वो मुसलमानों से नहीं कहेंगे कि तुम्हारा रास्ता अलग. वो मुसलमानों से कहते हैं, जो तुम्हारा रास्ता है वही हमारा है. सोचिए जब राजाओं के अंदर ऐसा द्वेष है, तो इन राजाओं से इस देश का कैसे कल्याण होगा. प्रजा की कैसे सेवा करेंगे ये."

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इस बीच लोगों के मन में यह सवाल है कि आखिर अखिलेश यादव और 'पूकी बाबा' के नाम से फेमस अनिरुद्धाचार्य के बीच ये बहस कैसे शुरू हुई? दरअसल यह वीडियो साल 2023 का है. तब अखिलेश यादव शूद्र शब्द पर जमकर राजनीति कर रहे थे.

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ऐसे में रास्ते में अखिलेश यादव और अनिरुद्धाचार्य की मुलाकात हुई. इस दौरान बातचीत में अनिरुद्धाचार्य ने वर्ण के आधार पर ब्राह्मण-क्षत्रिय-वैश्य-शूद्र का जिक्र किया. इसको लेकर अखिलेश यादव ने उन्हें अपने अंदाज में खूब सुनाया. यहां नीचे शेयर किए गए वीडियो में देखें अखिलेश और अनिरुद्धाचार्य के बीच क्या विवाद हुआ था?

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अखिलेश यादव आखिर में ये भी कहते नजर आते हैं कि 'चलिए, यहीं से हमारा और आपका रास्ता अलग होता है.' दरअसल, ये इस लाइन को अब अखिलेश यादव और उनके पीडीए से जोड़ा जा रहा है. खासकर तब जब इटावा कांड में यादव कथावाचक और उनके दलित सहयोगियों के साथ अमनावीय व्यवहार किया गया. इस कांड के बाद अखिलेश यादव ने धीरेंद्र शास्त्री उर्फ बाबा बागेश्वर समेत अन्य कथावाचकों पर सवाल उठाए थे.