संत कबीर नगर के घनश्याम यादव ने अपने खेत में ये कैसे लगा दिया सेब का बगान? गजब माइंड
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उत्तर प्रदेश के संत कबीर नगर जिले के एक 38 साल के एक किसान घनश्याम यादव ने उस कहावत को सच कर दिखाया है कि 'कुछ भी असंभव नहीं'. घनश्याम यादव ने अपने जुनून और आधुनिक खेती के जज्बे से अपनी जमीन पर सेब उगाकर सभी को हैरान कर दिया है.

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घनश्याम यादव के घर पर एक नींबू का पेड़ था जिस पर जबरदस्त फल आते थे. इसे देखकर उन्हें 2022 में ख्याल आया कि अगर नींबू जैसा फल यहां उग सकता है तो संतरे या अन्य फल क्यों नहीं? इसी सोच के साथ उन्होंने फलों की खेती के बारे में जानकारी जुटानी शुरू की.

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अपनी खोज के दौरान घनश्याम यादव को प्रसिद्ध कृषि विशेषज्ञ हरिमन शर्मा की नर्सरी के बारे में पता चला. वहां जाकर उन्होंने विभिन्न प्रकार के पौधों को देखा और उन्हें लगा कि क्यों न अपने क्षेत्र में सेब की खेती का प्रयास किया जाए जो आमतौर पर ठंडे इलाकों में होती है.

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घनश्याम यादव ने हरिमन शर्मा की नर्सरी से सेब के 50 पेड़ का ऑर्डर दिया. बताया जाता है कि प्रति पेड़ लगाने में लगभग ₹500 का खर्च आया था. यह उनके बड़े सपने की पहली लागत थी.

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इस दौरान तमाम लोगों ने उनस कहा कि यहां की मिट्टी सेब के लायक नहीं है. लेकिन घनश्याम ने इसकी परवाह किए बिना पूरी लगन से पेड़ों की देखभाल की. उनकी मेहनत रंग लाई और 2023 में ही इन पौधों से फल लगना शुरू हो गए. यह देखकर स्थानीय लोग हैरान रह गए और उनके बगीचे में सेब के पेड़ों को देखने के लिए पहुंचने लगे.

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वहीं साल 2024 और 2025 में भी सेब के इन पेड़ों पर अच्छे फल आए जिससे घनश्याम यादव का विश्वास और बढ़ा. अब उनके पास लगभग 150 सेब के पेड़ हैं.

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घनश्याम यादव यहीं नहीं रुके हैं. उन्होंने अपने बगीचे में सेब के अलावा चीकू, ड्रैगन फ्रूट और ऐसे ही तमाम अन्य फलों के पौधे भी लगाए हैं. उन्हें विश्वास है कि आने वाले समय में ये पौधे उनकी आय का एक अच्छा साधन बनेंगे.

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घनश्याम यादव का मानना है कि थोड़ी मेहनत और अच्छी सोच के साथ पारंपरिक खेती से हटकर भी अच्छा लाभ कमाया जा सकता है. उनकी सफलता संत कबीर नगर जिले और पूरे उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए एक बड़ी प्रेरणा बन गई है.