UP की सड़कों का रिएलिटी चेक: 9 किलोमीटर की सड़क में 3 से 4 फीट के गड्ढे, हाल इटावा का

अमित तिवारी

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उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने 15 नवंबर तक प्रदेश की सड़कों को गड्ढा मुक्त करने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं. इससे पहले भी कई बार योगी सरकार ने प्रदेश की सड़कों को गड्ढा मुक्त करने की बातें कही हैं.

इस बीच, यूपी तक मौजूदा समय में प्रदेश की सड़कों का असल हाल जानने के लिए सड़कों का रिएलिटी चेक कर रहा है. इसी कड़ी में आज हम आपको इटावा की सड़कों का हाल बता रहे हैं. पढ़िए इटावा से अमित तिवारी की यह खास ग्राउंड रिपोर्ट.

“बाबू जी धीरे चलना राह में बड़े गड्ढे हैं…” यह गाना इटावा जिले की मध्यप्रदेश के भिंड से जोड़नी वाली सड़क पर आज के समय बहुत सटीक बैठता है. लगभग 9 किलोमीटर की दूरी वाली यह सड़क जगह-जगह गड्ढों से भरी मिलीं. सड़क पर 3 से 4 फीट गहरे गड्ढे बने गए हैं. गड्ढों में सड़क है या सड़क में गड्ढे हैं, यह पता लगाना इस सड़क पर बहुत मुश्किल का काम है. इस सड़क पर धीरे चलने में ही भलाई है, अन्यथा यह सड़क दुर्घटना को दावत देने में देर नहीं करती है.

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इस सड़क पर एम्बुलेंस हो ऑटो हो या फिर मालवाहक वाहन, सभी इस सड़क पर सावधानी से गुजरते हैं. इस सड़क को पहले 10 मिनट में पार किया जा जाता था, लेकिन अब सड़क में गड्ढों की वजह से 1 घंटे में भी पार कर पाना मुश्किल हो गया है. इस सड़क को नेशनल हाईवे एनएच-2 ग्वालियर बरेली राजमार्ग भी कहा जाता है.

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हाईवे पर स्थित उदी, कामेत और नगला गौर इलाके में भी सड़क खस्ताहाल है. उदी गांव से इटावा की तरफ जाने वाली सड़क पर सैकड़ों गड्ढे दिखाई पड़ते हैं.

स्थानीय लोगों ने बताया कि यहां दुर्घटनाएं अधिकांश होती रहती हैं. एम्बुलेंस से जाने वाले मरीजों को उतारकर ऑटो में शिफ्ट करके पहुंचाया जाता है, क्योंकि कभी एम्बुलेंस के टायर पंचर हो जाते हैं तो कभी बड़े वाहनों के एक्सल टूट जाते हैं या फिर गाड़ियां पलट जाती हैं.

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उदी गांव के रहने वाले दीपक कुमार ने बताया, “यह कहने के लिए तो हाईवे है, लेकिन यहां का प्रशासन नहीं सुनता है. यहां पर गड्ढे 3 से 4 फीट गहरे हैं. आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं. एम्बुलेंस भी खराब हो जाती है और लगभग चार से पांच गाड़ियां प्रतिदिन खराब होती है. कई लोग दुर्घटनाग्रस्त होकर अस्पताल में पहुंच जाते हैं. सड़क पर लाइट भी नहीं है, जिससे रात में यहां कुछ नहीं दिखाई पड़ता है. लोग हाईवे समझकर 70 से 80 की स्पीड में आते हैं और गड्ढे में गिर जाते हैं. बस खानापूर्ति के नाम पर गड्ढा भर दिया जाता है.”

इटावा की इस खस्ताहाल सड़क को लेकर जब हमने यहां के सांसद रामशंकर कठेरिया से बात तो उन्होंने कहा,

राजमार्ग सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे हैं. इस संबंध में हम पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों से बात करेंगे. हमने इस समस्या को सीडीओ को नोट करा दिया है. हमारा कोशिश रहेगी कि 1 हफ्ते के अंदर वहां के सभी गड्ढे भर जाए.

रामशंकर कठेरिया, सांसद, इटावा

इस सड़क की गड्ढों की समस्या को लेकर जब हमने पीडब्ल्यूडी के अधिकारी राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता इंजीनियर मुकेश कुमार से बातचीत करने की कोशिश की तो वह हमसे बात करने को तैयार नहीं हुए.

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