लखनऊ में ट्रेनी डिप्टी कलेक्टरों ने IIM इंदौर के ट्रेनर से सीखा 'आर्ट ऑफ निगोशिएशन'

यूपी तक

13 Apr 2024 (अपडेटेड: 13 Apr 2024, 02:39 PM)

उत्तर प्रदेश प्रशासन एवं प्रबंधन अकादमी (उपाम), लखनऊ में प्रशिक्षु डिप्टी कलेक्टर के लिए लोक प्रबंधन और कॉन्फ्लिक्ट प्रबंधन विषय पर ट्रेनिंग सेशन का आयोजन किया गया.

IIM Training

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Lucknow news: उत्तर प्रदेश प्रशासन एवं प्रबंधन अकादमी (उपाम), लखनऊ में प्रशिक्षु डिप्टी कलेक्टर के लिए लोक प्रबंधन और कॉन्फ्लिक्ट प्रबंधन विषय पर ट्रेनिंग सेशन का आयोजन किया गया. यह सत्र प्रांतीय सिविल सेवा के अधिकारियों के 76वें आधारभूत प्रशिक्षण कार्यक्रम का एक हिस्सा था. इस प्रशिक्षण कार्यक्रम को आईआईएम इंदौर के मैनेजर नवीन कृष्ण राय ने सम्बोधित किया. कार्यक्रम में 36 प्रशिक्षु डिप्टी कलेक्टरों ने हिस्सा लिया.  

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इस सत्र में प्रशिक्षु अधिकारियों को विभिन्न प्रकार के मनोविज्ञान और प्रबंधन के सिद्धांतों व मॉडलों के माध्यम से लोक प्रबंधन व कॉन्फ़्लिक्ट प्रबंधन के बारे में बताया गया. बेहतर प्रबंधन के लिए सिचुएशनल लीडरशिप सिद्धांत की मदद से ट्रेनी डिप्टी कलेक्टरों को सलाह दी गई कि कोई भी एक लीडरशिप स्टाइल सर्वोत्तम नहीं होती है. एक प्रभावी लीडर सर्वप्रथम यह विचार करता है कि किसी कार्य को एक विशेष परिस्थिति में पूरा करने के लिए किस प्रकार की लीडरशिप स्टाइल व रणनीति सबसे उपयुक्त होगी. इस तरह वह अपनी लीडरशिप स्टाइल को स्थिति के अनुकूल बदल लेता है. 

ट्रेनिंग के दौरान बताया गया कि लोग हमेशा तर्कसंगत व्यवहार नहीं करते हैं और वे पूर्वाग्रह रखते हैं. प्रास्पेक्ट सिद्धांत की मदद से प्रतिभागियों को बताया गया कि लोग लाभ और हानि को अलग-अलग महत्व देते हैं. समान मूल्य के लाभ और हानि होने की स्थिति में, कोई भी व्यक्ति उस लाभ से मिलने वाली ख़ुशी को उसी मूल्य के हानि से होने वाली पीड़ा की तुलना में से कम आंकता है. ऐसे में उसे उस पीड़ा का अहसास ज़्यादा होता है. 

कॉन्फ़्लिक्ट प्रबंधन के बारे में बात करते हुए प्रतिभागियों को नेगोशिएशन की विभिन्न शैलियों, चरणों और रणनीतियों के बारे में भी बताया गया. कार्यक्रम में बताया गया कि किसी भी नेगोशिएशन के लिए तैयारी करते समय व्यक्ति को यह बात सोचनी व समझ लेनी चाहिए कि उस नेगोशिएशन के असफल होने की स्थिति में उनके पास दूसरा सबसे अच्छा विकल्प क्या है और उन्हें अपने उस विकल्प से कमतर किसी भी प्रस्ताव को स्वीकार नहीं करना चाहिए. 

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