कानपुर की फैक्ट्री में देखिए कैसे बनता है चमड़ा, पूरा प्रोसेस जान लीजिए
यूपी तक
01 Aug 2025 (अपडेटेड: 01 Aug 2025, 03:42 PM)
कानपुर में बड़े स्तर पर चमड़ा उद्योग है. माना जाता है कि यहां 400 से अधिक लेदर फैक्ट्रियां हैं. यहां की फैक्ट्री में बनने वाले चमड़े के उत्पाद देश-विदेश में भी निर्यात किए जाते हैं.
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कानपुर में बड़े स्तर पर चमड़ा उद्योग है. माना जाता है कि यहां 400 से अधिक लेदर फैक्ट्रियां हैं. यहां की फैक्ट्री में बनने वाले चमड़े के उत्पाद देश-विदेश में भी निर्यात किए जाते हैं.


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कानपुर का चमड़ा उद्योग न केवल स्थानीय जरूरतों को पूरा करता है, बल्कि यह भारत के कुल चमड़ा निर्यात का एक महत्वपूर्ण हिस्सा भी है.
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ऐसे में आइए समझने की कोशिश करते हैं कि यहां एक फैक्ट्री में चमड़ा और उससे बनने वाले प्रोडक्ट्स का पूरा प्रोसेस क्या है.


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चमड़े को बनाने की पहली प्रक्रिया है कि जानवरों की खाल को मांस और अन्य ऊतकों से अलग किया जाता है फिर खालों को नमक में संरक्षित किया जाता है ताकि वे खराब न हों.
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इसके बाद टैनिंग की जाती है. ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि खाल टिकाऊ और नरम बन सके. टैनिंग में क्रोमियम टैनिंग और वेजिटेबल टैनिंग जैसे तरीके इस्तेमाल होते हैं.


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टैनिंग के बाद, चमड़े को सुखाया जाता है और फिर उसे विभिन्न प्रकार के उत्पादों के लिए तैयार किया जाता है.
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इन सबके बाद फिनिशिंग का काम किया जाता है. इस दौरान चमड़े को रंगना, पॉलिश करना, और अन्य फिनिशिंग प्रक्रियाएं की जाती हैं ताकि वह अच्छी क्वालिटी की बन सकें.
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