नदी किनारे बसे पूरे भोजपुरिया समाज को मथता है गांव बेलवा पहुंचे मनोज वाजपेयी का ये दर्द! पर उपाय क्या?

बॉलीवुड अभिनेता मनोज वाजपेयी अपने पैतृक गांव बेलवा (पश्चिम चंपारण) में बाढ़ और कटाव की समस्याओं को लेकर ग्रामीणों से मिले और उनकी पीड़ा को समझा. उन्होंने सरकार से पहाड़ी नदियों को नियंत्रित करने की अपील की और त्वरित समाधान के लिए कदम उठाने का आग्रह किया.

यूपी तक

• 02:59 PM • 06 Apr 2025

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Manoj Bajpayee: बॉलीवुड के मंझे हुए अभिनेता और बिहार के लाल मनोज वाजपेयी इन दिनों अपने पैतृक गांव बेलवा (जिला – पश्चिम चंपारण) में हैं. सिनेमा की चकाचौंध भरी दुनिया से वक्त निकालकर जब वे गांव लौटे, तो सिर्फ बचपन की यादें ताज़ा करने नहीं, बल्कि गांव की पीड़ा को समझने और उसे दूर करने की कोशिश में भी लगे दिखे. बेलवा गांव के गमरिया टोला में जब वे पहुंचे तो ग्रामीणों की बातें सुनकर भावुक हो उठे. यहां हर साल बाढ़ और कटाव लोगों की ज़िंदगी को तहस-नहस कर देता है. खेत बह जाते हैं, घर टूट जाते हैं, और कभी-कभी अपनों की जान भी चली जाती है. एक बुजुर्ग की आंखों से बहते आंसू और गांव की हालत देखकर अभिनेता मनोज वाजपेयी की आंखें भी नम हो गईं.

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मनोज वाजपेयी का दर्द – "बचपन से देखता आया हूं तबाही"

गांव की बदहाली देख मनोज वाजपेयी बोले, 'बचपन से देखता आया हूं कि कैसे हर साल पहाड़ी नदियों का उफान गांव को खा जाता है. खेत के खेत खत्म हो जाते हैं, बच्चों और महिलाओं तक की जान चली जाती है. पहाड़ी नदी जब रास्ता बदलती है, तो गांवों को निगल जाती है.' उन्होंने साफ कहा कि अब यह सिर्फ गांववालों की लड़ाई नहीं है, बल्कि उनकी अपनी भी लड़ाई है. उन्होंने सरकार से अपील करते हुए कहा कि उत्तर और उत्तर-पूर्व दिशा में बहने वाली इन पहाड़ी नदियों को कंट्रोल करने की तत्काल ज़रूरत है.

बारिश से पहले चाहिए त्वरित कार्रवाई

मनोज वाजपेयी ने कहा, 'बारिश का मौसम आने वाला है. इससे पहले बोल्डर लगाने, बैग्स डालने और कटाव रोकने के जितने भी उपाय हो सकते हैं, उन पर युद्धस्तर पर काम शुरू किया जाना चाहिए.' उन्होंने स्थानीय अधिकारियों और नीति-निर्माताओं से अपील की कि गांव को जोड़ने वाले पुलों का निर्माण हो, ताकि गांवों को एक-दूसरे से जोड़ा जा सके और बाढ़ के समय लोगों को बचाया जा सके.

"ये एक अभिनेता नहीं, बेटे का फर्ज़ है"

अपने पांच दिन के गांव दौरे पर मनोज वाजपेयी ने न सिर्फ हालात देखे, बल्कि लोगों को भरोसा भी दिलाया कि वे इस समस्या का स्थायी समाधान खोजने के लिए खुद सामने आएंगे.उन्होंने भरोसा दिलाया कि “ये दौरा एक अभिनेता का नहीं, बल्कि एक बेटे का है, जो अपनी मां जैसी मिट्टी को बचाने आया है.”

पूरी वीडियो रिपोर्ट को आप यहां नीचे देख सकते हैं.

 

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