यूपी में मशरूम उगाने के लिए आपको मिल सकते हैं 8 लाख रुपये! इसका पूरा प्रोसेस जान लीजिए

Uttar Pradesh MIDH scheme: उत्तर प्रदेश सरकार की "MIDH" योजना के तहत किसानों को मशरूम उत्पादन यूनिट लगाने के लिए 8 लाख रुपये तक की सब्सिडी मिल रही है. यह योजना छोटे किसानों और युवाओं को कम लागत में मुनाफा कमाने का एक बेहतरीन अवसर प्रदान करती है.

यूपी तक

• 11:22 AM • 16 Apr 2025

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Uttar Pradesh MIDH scheme: उत्तर प्रदेश सरकार किसानों की आमदनी बढ़ाने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई योजनाएं चला रही है. इन्हीं में से एक है "मिशन फॉर इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट ऑफ हॉर्टिकल्चर (MIDH)" योजना, जिसके तहत किसान मशरूम उत्पादन यूनिट लगाकर  सरकारी मदद प्राप्त कर सकते हैं. मशरूम की खेती कम जगह और कम पानी में की जा सकती है, जिससे यह छोटे और सीमांत किसानों के लिए एक बेहतरीन विकल्प बन जाता है.

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मशरूम यूनिट लगाने की आसान प्रक्रिया (स्टेप-बाय-स्टेप)

1. योजना चुनें:

उत्तर प्रदेश सरकार की MIDH योजना के तहत मशरूम यूनिट लगाने पर 50% तक का अनुदान मिलता है.

2. ऑनलाइन आवेदन करें:

वेबसाइट [uphorticulture.gov.in] (https://uphorticulture.gov.in) पर जाएं.  

  • “ऑनलाइन आवेदन” में जाकर MIDH योजना चुनें.  
  • फॉर्म भरें और सबमिट करें.

3. जरूरी दस्तावेज़ अपलोड करें: 

  • - आधार कार्ड  
  • - जमीन के कागज  
  • - बैंक पासबुक  
  • - पासपोर्ट साइज फोटो  
  • - जाति और आय प्रमाण पत्र (अगर मांगा जाए)

4. प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाएं:

  • लागत, जगह, उत्पादन और बिक्री की योजना सहित पूरी रिपोर्ट तैयार करें.

5. फॉर्म और रिपोर्ट जमा करें:

  • सबमिट करने के बाद विभाग जांच करेगा.  
  • पात्र पाए जाने पर योजना की मंजूरी दी जाएगी.

6. यूनिट लगाएं:

  • स्वीकृति के बाद यूनिट का निर्माण करें, जैसे टिन शेड, कंपोस्ट यूनिट, तापमान नियंत्रण आदि.

7. निरीक्षण और अनुदान:

 

  • अधिकारी निरीक्षण करेंगे.  
  • सफल निरीक्षण के बाद अनुदान की राशि सीधे बैंक खाते में भेजी जाएगी.

कितना मिलेगा अनुदान?

मशरूम उत्पादन यूनिट लगाने पर मिलने वाला अनुदान किसानों के लिए एक बड़ा सहारा बन सकता है. इस योजना के तहत मिलने वाली सहायता राशि यूनिट की कुल लागत और उसके प्रकार पर निर्भर करती है. सरकार की मिशन फॉर इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट ऑफ हॉर्टिकल्चर (MIDH) योजना के अंतर्गत किसानों को उनकी यूनिट लागत का अधिकतम 40% तक का अनुदान दिया जाता है.

उदाहरण के तौर पर, यदि कोई किसान 2 लाख रुपये की लागत से मशरूम यूनिट स्थापित करता है, तो उसे सरकार की ओर से 80 हजार रुपये तक की सहायता मिल सकती है. यह राशि यूनिट की संरचना (जैसे शेड, तापमान नियंत्रण, वेंटिलेशन आदि), उत्पादन क्षमता और प्रयोग किए जाने वाले संसाधनों के आधार पर तय की जाती है. राष्ट्रीय बागवानी मिशन यूपी के मुताबिक मशरूम उत्पादन इकाई (निजी क्षेत्र) के लिए अधिकतम अनुमन्य लागत 20 लाख रुपये है. इतनी लागत पर आप 40 फीसदी यानी 8 लाख रुपये तक की सब्सिडी पा सकते हैं.

इस आर्थिक मदद का उद्देश्य किसानों का बोझ कम करना और उन्हें मशरूम उत्पादन जैसे लाभकारी व्यवसाय की ओर प्रेरित करना है. यह न सिर्फ उनकी आय बढ़ाने में मदद करता है, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर भी बनाता है. ऐसे में, जो किसान खेती से अलग कुछ नया करना चाहते हैं, उनके लिए यह योजना एक सुनहरा अवसर है.

योजना से लाभ

कम लागत में अच्छा मुनाफा:

मशरूम उत्पादन शुरू करने के लिए बहुत बड़ी जमीन या भारी निवेश की जरूरत नहीं होती. कम जगह, सीमित संसाधनों और थोड़े खर्च में यूनिट स्थापित की जा सकती है. इससे किसानों को कम लागत में अच्छी आमदनी का मौका मिलता है.

बाजार में मशरूम की लगातार मांग:

मशरूम एक पोषक तत्वों से भरपूर सुपरफूड है, जिसकी मांग होटल, रेस्टोरेंट, सुपरमार्केट और घरेलू उपभोक्ताओं के बीच लगातार बनी रहती है. इससे उत्पादन के बाद बिक्री की चिंता कम हो जाती है और बाजार तक आसानी से पहुंच बनती है.

बेरोज़गार युवाओं और छोटे किसानों के लिए कमाई का अच्छा ज़रिया:

जिनके पास खेती की ज्यादा ज़मीन नहीं है या जो नौकरी की तलाश में हैं, उनके लिए मशरूम उत्पादन एक व्यवहारिक विकल्प बन सकता है. इससे वे स्वरोजगार शुरू कर सकते हैं और आत्मनिर्भर बन सकते हैं. खासतौर पर ग्रामीण इलाकों में यह योजना युवाओं और महिलाओं के लिए बहुत उपयोगी साबित हो रही है.

जरूरी सलाह – ध्यान रखें ये बातें:

मशरूम यूनिट लगाने से पहले योजना की सभी शर्तें और दिशा-निर्देशों को अच्छे से समझना बेहद ज़रूरी है. इससे आवेदन प्रक्रिया आसान हो जाती है और गलती की संभावना भी कम हो जाती है. प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाते समय अगर आप कृषि विशेषज्ञ या उद्यान विभाग के अधिकारी से सलाह लेंगे, तो योजना को मंजूरी मिलने की संभावना काफी बढ़ जाती है.

याद रखें, सही योजना और जानकारी के साथ यूपी का कोई भी किसान मशरूम उत्पादन यूनिट लगाकर सरकार की मदद से कम खर्च में अच्छी कमाई कर सकता है और आत्मनिर्भर बन सकता है.

(यह खबर यूपी Tak के साथ इंटर्नशिप कर रहीं चाहत ने लिखी है.)

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