गाजियाबाद में पुलिस मुठभेड़ में शहीद हुए कांस्टेबल सौरभ के घर का हाल देखकर कोई भी इंसान अपने आंसू रोक नहीं पाएगा. शामली जिले के बडहेव गांव के इस बहादुर सिपाही की मौत के बाद पूरे गांव में मातम पसरा है. सबसे ज्यादा दर्दनाक दृश्य उनके घर पर है, जहां उनकी पत्नी और मां रो-रोकर बार-बार बेहोश हो जा रही हैं.
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आपको बता दें कि रविवार देर रात नोएडा पुलिस की टीम गाजियाबाद के मसूरी थाना क्षेत्र स्थित नाहल गांव में शातिर बदमाश कादिर उर्फ मंटा की गिरफ्तारी के लिए पहुंची थी. पुलिस उसे पकड़ चुकी थी, लेकिन जब टीम गांव से बाहर निकल रही थी, तभी पंचायत भवन के पास छिपे 8-10 बदमाशों ने पुलिस पर अचानक हमला कर दिया. पहले पथराव किया गया और फिर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी गई. इसी फायरिंग में सौरभ के सिर में गोली लगी. उन्हें तत्काल अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका.
पांच साल पहले हुई थी सौरभ की शादी, पर अभी कोई संतान नहीं
शहीद सौरभ का परिवार पूरी तरह टूट चुका है. घर में बूढ़े माता-पिता और एक बड़ा भाई है, जो खेती कर घर चलाता है. सौरभ की शादी को 5 साल हो चुके थे लेकिन अभी तक संतान नहीं हुई थी. गांव में जब ये खबर पहुंची तो हर आंख नम हो गई. शहीद के घर पर हर ओर चीख-पुकार और मातम का माहौल है. सौरभ की मां और पत्नी बेसुध हो जाती हैं, होश आने पर सौरभ को पुकारने लगती हैं. गांव की महिलाएं उनके साथ बैठकर उन्हें ढांढस बंधा रही हैं, लेकिन मां का दर्द किसी से छुपा नहीं है. पत्नी का हाल देखकर हर कोई रो रहा है.
सौरभ के पिता उत्तम कुमार का कहना है कि, 'जैसे मेरे बेटे को गोली मारकर मौत के घाट उतारा गया, वैसे ही योगी सरकार इन अपराधियों के घर पर बुलडोजर चलवाए और उन्हें भी गोली मारे. आतंकियों की तरह सफाया हो.'
उन्होंने सरकार से मांग की कि कादिर और उसके सभी साथियों को जल्द से जल्द पकड़ा जाए और उन्हें कड़ी से कड़ी सजा मिले. उनका कहना था कि योगी सरकार अपराधियों पर सख्त कार्रवाई करती रही है, और अब वक्त है कि इस जघन्य हमले के दोषियों को भी ऐसा सबक सिखाया जाए कि कोई फिर पुलिस पर हमला करने की हिम्मत न करे.
कौन था सौरभ?
सौरभ वर्ष 2016 में पुलिस विभाग में भर्ती हुए थे. फिलहाल नोएडा में तैनात थे और अपनी ईमानदारी व साहस के लिए जाने जाते थे. उन्होंने अपने फर्ज को निभाते हुए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए. परिजनों ने बताया कि सौरभ का शव दोपहर ढाई से तीन बजे के बीच घर पहुंचेगा. इसके बाद शाम को पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा. पूरे गांव में शोक की लहर है और लोग उनके अंतिम दर्शन के लिए जुट रहे हैं.
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