Biogas Plants in UP: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सूबे के किसानों के हित में एक बड़ा फैसला लिया है. आपको बता दें कि अब यूपी सरकार ग्राम-ऊर्जा मॉडल के तहत प्रदेश के गांवों में घरेलू बायोगैस यूनिटों की स्थापना शुरू की जा रही है. बायोगैस यूनिटों के लगने से किसान के जेब का खर्च बचेगा और साथ में जैविक खाद उत्पादन और पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा मिलेगा. हमारे सहयोगी किसान Tak के नवीन लाल सूरी की रिपोर्ट के अनुसार, इस योजना के पहले चरण के लिए अयोध्या, वाराणसी, गोरखपुर और गोंडा को चयनित किया गया है. इन चारों जिलों में कुल 2250 घरेलू बायोगैस यूनिटें स्थापित की जाएंगी. बताया जा रहा है कि अगर यह पायलट प्रोजेक्ट सफल रहा तो आने वाले चार सालों में करीब 2.5 लाख घरों तक बायोगैस यूनिटें लगाई जाएंगी. इस योजना को पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग से औपचारिक स्वीकृति भी मिल चुकी है.
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किसानों को चुकाने होंगे बस 3990 रुपए
किसान Tak को यूपी गोसेवा आयोग के अध्यक्ष श्याम बिहारी गुप्ता ने बताया कि प्रत्येक बायोगैस संयंत्र की कुल लागत 39300 रुपए है. मगर किसानों को महज 3990 रुपए ही अंशदान देना होगा. बाकी बची रकम सरकार की सहायता और कार्बन क्रेडिट मॉडल के माध्यम से पूरी की जाएगी. इस योजना के जरिए ग्रामीण रसोईघरों में एलपीजी की खपत में करीब 70 फीसदी तक कमी आएगी, जिससे घरेलू खर्च में भी भारी बचत होगी. घरेलू बायोगैस यूनिटें न केवल खाना बनाने के लिए गैस प्रदान करेंगी, बल्कि उनसे निकलने वाली स्लरी से जैविक/प्राकृतिक खाद भी तैयार होगी. यह खाद खेती के लिए बेहद उपयोगी मानी जाती है.
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योजना के तहत बनाई जाएंगी गोशालाएं
इस योजना के तहत मनरेगा के माध्यम से गोशालाएं भी बनाई जाएंगी. पहले चरण में 43 गोशालाओं में बायोगैस और जैविक/ प्राकृतिक खाद संयंत्र चालू किए जाएंगे. हर एक गोशाला से प्रति महीने लगभग 50 क्विंटल स्लरी तैयार होने की उम्मीद है. ऐसा माना जा रहा है कि इसके चलते युवाओं को रोजगार के अवसर बी मिलेंगे.
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