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हाल ही में गुजरात के मोरबी में एक दर्दनाक पुल हादसा हुआ था, जिसमें तकरीबन डेढ़ सौ लोगों ने अपनी जान गंवा दी थी.
इस हादसे के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने भी सतर्कता बरतते हुए प्रदेश के तमाम पुलों के सर्वे का निर्देश जारी किया था.
इसी क्रम में पूर्वी उत्तर प्रदेश के चंदौली में भी चार ऐसे पुल चिन्हित हुए हैं, जो जर्जर हैं और आवागमन के लायक नहीं है.
विभागीय अधिकारियों के अनुसार सर्वे की रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है.
वहीं यूपी तक की टीम ने भी इन पुलों का सर्वे किया. हमारी टीम ग्राउंड जीरो तक पहुंची और हमने यह देखा कि इन जर्जर पुलों के क्या हालात हैं.
नक्सल प्रभावित इलाके चकिया के मूसाखांड पुल जिला मुख्यालय से तकरीबन 50 किलोमीटर दूर जंगली इलाके में स्थित है.
इसकी हालत देखकर आप सहज अंदाजा लगा सकते हैं कि इसके निर्माण में किस तरह की लापरवाही बरती गई है.
पुल के आधा दर्जन से ज्यादा पिलर क्षतिग्रस्त हो चुके हैं और उसमें सरिया दिखाई दे रहा है.
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