जब मां हीराबेन की एक ‘हां’ ने बेटे नरेंद्र को संघ से जोड़ दिया, रोचक है ये किस्सा

शिल्पी सेन

PM Modi Mother Heeraben Passed Away: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां हीराबेन का शुक्रवार तड़के निधन हो गया. मां के निधन की खबर मिलने के…

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PM Modi Mother Heeraben Passed Away: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां हीराबेन का शुक्रवार तड़के निधन हो गया. मां के निधन की खबर मिलने के बाद प्रधानमंत्री गांधीनगर के बाहरी इलाके में स्थित रायसन गांव में सुबह अपने भाई पंकज मोदी के आवास पहुंचे, जहां उनकी मां के पार्थिव शरीर को रखा गया था. पीएम मोदी ने मां के पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट ले जाते समय अर्थी को कंधा दिया. पीएम मोदी और उनके भाइयों ने मां के पार्थिव शरीर को मुखाग्नि दी. प्रधानमंत्री मोदी की दृढ़ इच्छाशक्ति को सब जानते हैं, लेकिन उनकी मां हीराबेन की इच्छाशक्ति से जुड़ा एक किस्सा जनसंघ के पूर्व विधायक रहे भुलई भाई ने यूपी तक से साझा किया था.

जनसंघ के विधायक रहे और बीजेपी के सबसे उम्रदराज कार्यकर्ता, 109 साल के भुलई भाई ने यूपी तक से खास बातचीत में बताया था कि ‘बाला साहब देवरस का दौरा था. बालक नरेंद्र मोदी स्टेशन पर और आस-पास चाय बेचते थे. संघ कार्यालय में चाय आई तो उस वक्त सरकार्यवाह बाला साहब देवरस ने चाय पीते हुए एक स्वयंसेवकों से पूछा कि ये चाय कहां से आई? जब पता चला कि (नरेंद्र नाम का) एक बालक चाय दे गया है, उसकी मां ही चाय बनाती है, तो उन्होंने कहा कि इस बच्चे की मां से कहो कि मैं उनके बच्चे को पढ़ाने के लिए नागपुर ले जाना चाहता हूं.”

भुलई भाई भाई के अनुसार, मां हीराबेन को जब ये बात खुद बालक नरेंद्र मोदी ने बताई और इजाजत मांगी तो उन्होंने पढ़ाई के नाम पर कहा- ‘जल्दी जाओ…जल्दी जाओ.’ भुलई भाई बताते हैं कि यही नरेंद्र मोदी का संघ के साथ पहला सम्पर्क था. बाद में 1972 में नरेंद्र मोदी ने संघ में औपचारिक रूप से प्रवेश किया.

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आपको बता दें कि भुलई भाई कुशीनगर के नौरंगिया सीट से 1974 और 1977 में जनसंघ के विधायक रहे हैं. उस समय भुलई भाई चर्चा में आए थे जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोविड के दौरान फोन कर उनका हालचाल लिया था.

प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी मां को श्रद्धांजलि देते हुए कहा, “शानदार शताब्दी का ईश्वर चरणों में विराम…मां में मैंने हमेशा उस त्रिमूर्ति की अनुभूति की है, जिसमें एक तपस्वी की यात्रा, निष्काम कर्मयोगी का प्रतीक और मूल्यों के प्रति प्रतिबद्ध जीवन समाहित रहा है.” उन्होंने ट्वीट किया, “मैं जब उनसे उनके 100वें जन्मदिन पर मिला तो उन्होंने एक बात कही थी, जो हमेशा याद रहती है कि काम करो बुद्धि से और जीवन जियो शुद्धि से.”

गौरतलब है कि हीराबेन गांधीनगर शहर के पास रायसन गांव में प्रधानमंत्री मोदी के छोटे भाई पंकज मोदी के साथ रहती थीं. उन्हें हीरा बा भी कहा जाता है. प्रधानमंत्री जब भी गुजरात दौरे पर होते थे, तो रायसन जाकर अपनी मां से जरूर मिलते थे.

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