कांग्रेस पर बसपा को गठबंधन में शामिल करने का दबाव, मुस्लिम धर्मगुरु बने बड़ी वजह!
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Lok Sabha Election 2024 : लोकसभा चुनाव को लेकर तैयारियां तेज़ हो गई हैं. वहीं लोकसभा चुनाव 2024 से पहले इंडिया गठबंधन टूटता और बिखरता हुआ नजर आ रहा है. पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी ने अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी तो वहीं, नीतीश कुमार के एनडीए गठबंधन में शामिल होने की खबरें हैं. सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने इंडिया गठबंधन की सीट शेयरिंग में देरी के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया. इंडिया गठबंधन में दरारें पड़ने के साथ ही कांग्रेस पर दबाव बढ़ता जा रहा है. इसी बीच उत्तर प्रदेश में गठबंधन में मायावती को शामिल करने को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है.
मायावती को गठबंधन में शामिल करने की मांग
जानकारी के मुताबित उत्तर प्रदेश के कई मुस्लिम धर्मगुरुओं ने कांग्रेस समन्वय समिति के सदस्य पूर्व मंत्री सलमान खुर्शीद से मुलाकात की. वहीं मुस्लिम धर्मगुरुओं ने कांग्रेस नेता से गठबंधन में हर हाल में बसपा को शामिल करने की वकालत की. इस प्रतिनिधिमंडल ने राहुल व प्रियंका गांधी से भी मिलने के लिए वक्त मांगा है.बता दें कि कांग्रेस के सीट तय करने वाली कमेटी में पूर्व मंत्री सलमान खुर्शीद भी शामिल हैं. ऐसे में मुस्लिम तंजीमों से जुड़े दो दर्जन मौलानाओं ने बुधवार को सलमान खुर्शीद से मुलाकात की. इंडिया गठबंधन में हर हाल में बसपा को शामिल करने की मांग की.
सपा-बसपा में जारी है तनातनी
बता दें कि इंडिया गठबंधन की दिल्ली बैठक में सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने बसपा के साथ बातचीत को लेकर तल्ख तेवर दिखाते हुए यह तक कह दिया था कि अगर मायावती की पार्टी गठबंधन में आई तो उनकी पार्टी को भी अपना स्टैंड क्लियर करना पड़ेगा. अखिलेश ने इंडिया गठबंधन से सपा के बाहर जाने तक की बात कह दी थी. वहीं पिछले दिनों मायावती ने इंडिया गठबंधन की इस बैठक का जिक्र करते हुए अखिलेश यादव को गिरगिट तक बता दिया. मायावती ने कहा कि कांग्रेस, बीजेपी और इनकी सभी सहयोगी पार्टियों की सोच पूंजीवादी, सामंतवादी और सांप्रदायिक है. यह पार्टियां इन्हें (दलित और अति पिछड़े) अपने पैरों पर खड़ा होते नहीं देख सकती हैं.
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