आजमगढ़ में बीजेपी को लगने वाला जोरदार झटका? निरहुआ की सीट पर होगा बड़ा खेल, यहां जानें चुनावी समीकरण

राजीव कुमार

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Uttar Pradesh News : देशभर में सभी सियासी पार्टियां लोकसभा चुनाव (Azamgarh Loksabha Chunav 2024) को लेकर अपनी तैयारियों में जुटी हैं. सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी से लेकर सभी विपक्ष दल एड़ी से चोटी तक का जोर लगाए हुए हैं. उत्तर प्रदेश में भी चुनावी बयार देखने को मिल रही है. यहां बीजेपी, सपा, कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों के बीच सियासी गुणा गणित शुरू हो चुकी है. वहीं लोकसभा चुनाव से पहले यूपी तक ने समाजवादी पार्टी का गढ़ कहे जाने वाले आजमगढ़ का सियासी रुख जानने की कोशिश की.

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निरहुआ की सीट पर होने वाला है खेल

यूपी तक ने आजमगढ़ के वरिष्ठ पत्रकारों से बात की और जानने की कोशिश की यहां चुनावी ऊंट किस करवट बदलने वाला है. यूपी तक से खास बातचीत करते हुए आजमगढ़ के वरिष्ठ पत्रकार  अनिल मिश्रा ने बताया कि इस बार निरहुआ के लिए यहां मुश्किल होने वाली है. अगर यहां मुलायम सिंह के परिवार से आता है तो यहां मुकाबला काफी रोचक होने वाला है. आजमगढ़ का चुनाव जातियों पर ज्यादा निर्भर रहेगा.  वहीं एक पत्रकार राजिव चौहान ने बताया कि, आजमगढ़ में जातिगत समीकरण सभी मुद्दों पर भारी पड़ेगा. यहां अगर अखिलेश या शिवपाल जैसे नेता नहीं आते तो यहां चुनाव भाजपा के पक्ष में जा सकता है. अखिलेश और शिवपाल के आने से यहां निरहुआ की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.


ऐसा रहा है हार-जीत का सिलसिला

मालूम हो, साल 2017 में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव आजमगढ़ लोकसभा सीट से सांसद चुने गए थे. इसके बाद साल 2022 में विधानसभा चुनाव में करहल सीट से जीते और फिर विधायक बनने के लिए आजमगढ़ के सांसद पद से इस्तीफा दे दिया. इसी के साथ यूपी में नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी भी संभाल ली. जिसके बाद से यह सीट खाली हो गई थी. अखिलेश ने इस सीट से चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव को उतारा था, लेकिन उनका दांव फेल हो गया. सपा को अपने ही गढ़ में बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा. इस सीट पर भोजपुरी सुपरस्टार निरहुआ ने बंपर जीत हासिल की थी.

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