सुधांशु त्रिवेदी बोले- ‘SP को चुनाव में जमीन बचानी है और BSP को इज्जत, सरकार बनाएगी BJP’
उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने रविवार, 9 जनवरी को लखनऊ स्थित पार्टी…
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उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने रविवार, 9 जनवरी को लखनऊ स्थित पार्टी कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान सुधांशु त्रिवेदी ने समाजवादी पार्टी (एसपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव पर जमकर निशाना साधा.
बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा,
“चाहे जितनी कर ली पढ़ाई, लेकिन दिखे असर सपाई, क्योंकि अखिलेश जी ने जिस तरह से बोला है कि वह डिजिटल मीडिया से बीजेपी का मुकाबला नहीं कर सकते, उससे तो यह बात साफ हो जाती है. मैं विपक्षी दलों को साधुवाद देना चाहता हूं कि उन्होंने इस बात को माना है कि डिजिटली रूप से वो बीजेपी से सक्षम नहीं हैं.”
सुधांशु त्रिवेदी
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दरअसल, एसपी प्रमुख अखिलेश यादव ने शनिवार को पत्रकारों से बातचीत में चुनाव आयोग से यह सुनिश्चित करने की अपील थी कि क्षेत्रीय दलों को भी डिजिटल प्लेटफॉर्म पर उचित स्थान मिले. उन्होंने आरोप लगाया कि डिजिटल प्लेटफॉर्म पर सरकार और विशाल वित्तीय संसाधनों के कारण बीजेपी का दबदबा है.
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, “समाजवादी पार्टी को चुनाव में अपनी जमीन और संपत्ति बचानी है. बीएसपी अपनी इज्जत बचाने के लिए मैदान में है. कांग्रेस पार्टी उपस्थिति बचाने के लिए मैदान में है और ओवैसी जैसे लोग आग लगाने के लिए चुनाव मैदान में हैं…केवल और केवल बीजेपी को सरकार बनानी है.”
बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा है, “मैं विपक्षी दलों को साधुवाद देना चाहता हूं, जब वो कहते हैं कि डिजिटल और ऑनलाइन में बीजेपी बेहतर स्थिति में है, इसलिए मैं साधुवाद देना चाहता हूं वो बीजेपी पर आरोप लगाते थे कि हम रूढ़िवादी पार्टी हैं, हम कट्टरवादी पार्टी हैं, आज उन्होंने स्वीकार किया है कि हम टेक्नोलॉजिकली एडवांस्ड, यानि प्रगतिवादी और तकनीकी रूप से उन्नत दिशा में आगे कदम रखने वाली पार्टी हैं.”
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इसके अलावा सुधांशु त्रिवेदी ने कहा,
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“अखिलेश यादव जो विदेश से पढ़ाई करके लौटे हैं, जो लैपटॉप की बात करते हैं, लगातार टेक्नोसेवी होने की बात करते हैं, अब वो डर गए हैं, उन्हें हार का डर है.”
“अखिलेश यादव लैपटॉप चलाने को लेकर पहले दूसरों को बोलते थे, लेकिन वे अब खुद ही स्वीकार कर रहे हैं कि वे तकनीकी रूप से कमजोर हैं.”
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