डिप्टी CM केशव मौर्य ने क्यों कहा- ‘अखिलेश को पिछड़ों की बात करने का नैतिक अधिकार नहीं’

भाषा

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उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) ने बुधवार को यहां कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार ने यह फैसला लिया है कि जब तक अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण की प्रक्रिया पूरी नहीं कर ली जाती, तब तक नगरीय निकाय के चुनाव नहीं होंगे.

प्रयागराज में संवाददाताओं से बातचीत में उप मुख्यमंत्री ने कहा, “माननीय उच्च न्यायालय के आदेश का हम सम्मान करते हैं. लेकिन इस आदेश से हम सहमत नहीं हैं. इसलिए हम इस आदेश के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में अपील करने जा रहे हैं.”

मौर्य ने कहा, “अन्य पिछड़ा वर्ग को आरक्षण सुनिश्चित किए बगैर उत्तर प्रदेश में स्थानीय निकाय चुनाव नहीं होंगे और ओबीसी का आरक्षण सुनिश्चित करने के बाद ही यह चुनाव होंगे. यही सरकार का फैसला है.”

आरक्षण के मुद्दे पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि जो पिछड़ों का हित केवल सैफई के परिवार में देखते हैं, उन्हें पिछड़ों की बात करने का नैतिक अधिकार नहीं है.

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इस बीच बुधवार शाम को उत्तर प्रदेश सरकार ने नगर निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण के मद्देनजर पांच सदस्यीय एक विशेष ओबीसी आयोग का गठन किया है.

गौरतलब है कि मंगलवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने राज्य सरकार की अधिसूचना के मसौदे को खारिज कर दिया था और ओबीसी को आरक्षण दिए बगैर स्थानीय निकाय चुनाव कराने का आदेश दिया.

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