बिहार में नीतीश कुमार के फिर मुख्यमंत्री बनने पर अखिलेश बोले- बीजेपी ने साजिश करके भावी पीएम को सीएम तक ही सीमित कर दिया
बिहार में नई सरकार के गठन पर यूपी की मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के चीफ अखिलेश यादव की प्रतिक्रिया सामने आई है. अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा कि ये भाजपा का लोकसभा चुनाव हारने की हताशा का नतीजा है…जिसने साजिश करके एक भावी प्रधानमंत्री (नीतीश कुमार) को अपने साथ मिलाकर मुख्यमंत्री के पद तक ही सीमित कर दिया.
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जनता दल यूनाइटेड (जद यू) के अध्यक्ष नीतीश कुमार ने रिकॉर्ड नौवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री के तौर पर रविवार को शपथ ली. नीतीश कुमार के साथ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं विजय कुमार सिन्हा, सम्राट चौधरी और प्रेम कुमार ने भी मंत्रिपद की शपथ ली. जद(यू) नेता विजय कुमार चौधरी, विजेंद्र यादव और श्रवण कुमार के साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की अगुवाई वाले हिंदुस्तान आवाम मोर्चा के संतोष कुमार सुमन और निर्दलीय विधायक सुमित सिंह ने भी मंत्री पद की शपथ ली. बिहार में नई सरकार के गठन पर यूपी की मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के चीफ अखिलेश यादव की प्रतिक्रिया सामने आई है.
अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा कि ये भाजपा का लोकसभा चुनाव हारने की हताशा का नतीजा है…जिसने साजिश करके एक भावी प्रधानमंत्री (नीतीश कुमार) को अपने साथ मिलाकर मुख्यमंत्री के पद तक ही सीमित कर दिया. उन्होंने आगे कहा कि भाजपा ने बिहार की जनता का अपमान किया है और जनमत का भी. जनता इस अपमान का जवाब भाजपा गठबंधन को लोकसभा का चुनाव हराकर देगी. बिहार का हर निवासी अपना अगला वोट, बिहार के सम्मान को बचाने के लिए डालेगा और भाजपा को हराने के लिए.
https://twitter.com/yadavakhilesh/status/1751590582009626980
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गौरतलब है कि नीतीश कुमार ने दिन में यह कहते हुए मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था कि बिहार में सत्तारूढ़ महागठबंधन और विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन में उनके लिए ‘चीजें ठीक नहीं चल रही हैं.’ इसी के साथ उन्होंने भाजपा के सहयोग से नयी सरकार बनाने का दावा भी पेश किया था। लगभग डेढ़ साल पहले उन्होंने भाजपा से नाता तोड़ लिया था. भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे. पी. नड्डा और पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता भी शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए. नीतीश कुमार के पूर्व सहयोगी ‘राष्ट्रीय जनता दल’ (राजद) ने शपथ ग्रहण समारोह का बहिष्कार किया, जबकि एक अन्य पूर्व सहयोगी कांग्रेस भी अनुपस्थित रही.
जद (यू) सुप्रीमो ने 2000 में राज्य के मुख्यमंत्री पद की पहली बार शपथ ली थी, लेकिन उनकी सरकार एक सप्ताह के भीतर ही गिर गयी थी. उन्होंने मई 2014 में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था, लेकिन 8 महीने बाद ही जीतन राम मांझी को हटाकर उन्होंने नवंबर 2015 में मुख्यमंत्री के रूप में वापसी की. उस समय जद(यू), राजद और कांग्रेस गठबंधन ने विधानसभा चुनावों में जीत हासिल की थी.
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उन्होंने 2017 में भाजपा के साथ नयी सरकार बनाने के लिए इस्तीफा दे दिया था. वह 2020 के विधानसभा चुनाव में फिर मुख्यमंत्री बने. इस चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ने जीत हासिल की थी, जबकि जदयू ने खराब प्रदर्शन किया था. बिहार विधानसभा में सदस्यों की संख्या 243 है.
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