BSP-कांग्रेस ही नहीं BJP-अपना दल में भी क्रॉस वोटिंग, 14 साल बाद UP को मिला विस. उपाध्यक्ष
उत्तर प्रदेश विधानसभा उपाध्यक्ष के चुनाव में बीजेपी समर्थित प्रत्याशी नितिन अग्रवाल को जीत मिली है. समाजवादी पार्टी के बागी विधायक नितिन अग्रवाल डिप्टीस्पीकर बने…
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उत्तर प्रदेश विधानसभा उपाध्यक्ष के चुनाव में बीजेपी समर्थित प्रत्याशी नितिन अग्रवाल को जीत मिली है. समाजवादी पार्टी के बागी विधायक नितिन अग्रवाल डिप्टीस्पीकर बने हैं और यूपी विधानसभा में 14 साल बाद इस पद पर किसी का निर्वाचन हुआ है.
इस चुनाव में कुछ क्रॉस वोटिंग भी देखने को मिली हैं. यह क्रॉस वोटिंग सिर्फ विपक्षी बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) और कांग्रेस के विधायकों ने ही नहीं की है, बल्कि सत्ता पक्ष से भी देखने को मिली है.
उपाध्यक्ष पद के लिए 368 वोट पड़े, 4 अवैध घोषित
यूपी विधानसभा उपाध्यक्ष पद के लिए सोमवार को वोटिंग हुई. कुल 368 वोट पड़े, जिनमें से 4 वोट अवैध घोषित किए गए. 364 वैलिड वोटों में एसपी प्रत्याशी नरेंद्र सिंह वर्मा को 60 वोट मिले, जबकि नितिन अग्रवाल ने 304 मतों के साथ जीत दर्ज की.
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चुनाव के दौरान सत्तापक्ष और विपक्ष की ओर से क्रॉस वोटिंग देखने को मिली. शिवपाल सिंह यादव और ओमप्रकाश राजभर सदन में नहीं आए और इन दोनों ने ही अपना वोट कास्ट नहीं किया. ओमप्रकाश राजभर की पार्टी के तीन विधायकों ने ही अपना वोट कास्ट किया है.
कांग्रेस और बीएसपी ने विधानसभा उपाध्यक्ष के चुनाव का बहिष्कार किया था. कांग्रेस के बहिष्कार करने के बाद भी पार्टी की बागी विधायक अदिति सिंह और राकेश सिंह ने बीजेपी समर्थित प्रत्याशी को वोट किया. वहीं, सीतापुर सदर के बीजेपी विधायक राकेश राठौर और अपना दल के आरके वर्मा ने एसपी प्रत्याशी को वोट दिया है.
बीएसपी के मतदान के बहिष्कार के बावजूद 7 बागी विधायकों ने एसपी कैंडिडेट नरेन्द्र सिंह वर्मा को वोट दिया है. बीजेपी के 304 विधायक हैं, जबकि अपना दल के नौ और कांग्रेस दो विधायक भी साथे. एक वोट खुद नितिन अग्रवाल का था. ऐसे में बीजेपी को 316 वोट मिलने चाहिए थे, लेकिन मिले हैं 304 वोट.
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माना जा रहा है कि अपना दल के दो विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की है. आरके वर्मा जो कि प्रतापगढ़ के एक विधानसभा सीट से विधायक हैं, उन्होंने समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी को वोट दिया. अपना दल के कार्यकारी अध्यक्ष आशीष पटेल ने कहा कि ‘इसका जवाब सत्ताधारी दल से पूछा जाना चाहिए क्योंकि आर के वर्मा का अपना दल से कोई संबंध नहीं बचा था. सार्वजनिक रूप से पार्टी के खिलाफ बयानबाजी करते थे. पार्टी अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल के खिलाफ बोलते थे लेकिन बीजेपी के बड़े नेताओं ने अपने मंच पर बिठाते थे. ऐसे में बीजेपी के प्रदेश नेतृत्व को यह जवाब देना चाहिए कि आखिर अपना दल के किस विधायक ने क्रॉस वोटिंग क्यों की है.’
अपना दल के मुताबिक इनके दो विधायक गैरहाजिर थे. एक बीमार हैं, जबकि दूसरे जम्मू में मौजूद हैं. सिद्धार्थनगर से अपना दल के तीसरे विधायक के बारे में चर्चा है कि उन्होंने क्रॉस वोटिंग की है. हालांकि पार्टी का मानना है कि उन्होंने वोट नहीं डाला है. अपना दल के विधायक अमर सिंह चौधरी योगी आदित्यनाथ के खिलाफ पहले से तल्ख तेवर अपना रखे हैं और हो सकता है कि उन्होंने क्रॉस वोटिंग की हो, लेकिन इस बारे में अंतिम रूप से कुछ नहीं कहा जा सकता.
समाजवादी पार्टी को 15 अतिरिक्त वोट मिले हैं. उनकी कुल ताकत इस वक्त सदन में 45 थी क्योंकि 49 विधायकों में एक आजम खान के बेटे अयोग्य करार दिए जा चुके हैं. शिवपाल यादव वोटिंग में नहीं आए. नितिन अग्रवाल बागी हो चुके थे जबकि हरिओम यादव भी एसपी के खिलाफ हैं. ऐसे में 45 विधायकों के साथ अखिलेश यादव के प्रत्याशी नरेंद्र वर्मा को 60 वोट मिले, जिसमें 7 वोट बसपा के बागियों के हैं. अनुमान है कि तीन से चार बीजेपी विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की है. हालांकि नाम सिर्फ सीतापुर के राकेश राठौर का ही सामने आया है.
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