सामने आए UP के उन सांसदों के नाम जिनका 2024 के लोकसभा चुनाव में कट सकता है टिकट! आप भी जानिए

अभिषेक मिश्रा

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UP Political News: जहां एक तरफ राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ समेत पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में बीजेपी अलग ही रणनीति के साथ मैदान में उतर रही है, तो वहीं दूसरी तरफ लोकसभा चुनाव को लेकर के भी उत्तर प्रदेश में उठा-पटक का दौर शुरू हो चुका है. इन राज्यों में केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों को विधायकी का चुनाव लड़वाया जा रहा है, जिससे यूपी के नेताओं में भी चिंता बढ़ गई है. ऐसे में उत्तर प्रदेश की सियासत में भी खलबली मच गई है कि आखिर मौजदा समीकरणों के आधार पर टिकट की दावेदारी कितनी मजबूत हो सकती है.

वहीं, पार्टी सूत्रों के मुताबिक अगर बीजेपी यूपी में 75 सीटों का लक्ष्य हासिल कर लेगी तो दूसरे राज्यों के संभावित नुकसान की भरपाई कर सकेगी. ऐसे में सिर्फ जीतने की क्षमता रखने वाले दावेदारों को पार्टी तरजीह देगी. इस स्थिति में 2 दर्जन से ज्यादा सांसदों के टिकट बदले जा सकते हैं. बीजेपी में इस बात की फिलहाल चर्चा है कि 2024 लोकसभा चुनाव में कई मौजूदा सांसदों का प्रदर्शन और फीडबैक के आधार पर टिकट कटने के आसार हैं. ऐसे में ये सांसद अब अपने क्षेत्र से लेकर दिल्ली दरबार तक हाजिरी लगाते हुए अपनी सीट की कवायद में भी नजर आ रहे हैं. सबसे पहले बात उन सांसदों की जिन पर टिकट का संकट नजर आता है.

75 की उम्र पार कर रहे सांसद को अब नहीं मिलेगा टिकट?

इनमें 75 की उम्र पर कर रहे मौजूदा सांसदों में इलाहाबाद से रीता बहुगुणा जोशी, डुमरियागंज से जगदंबिका पाल, देवरिया से रमापति राम त्रिपाठी, कानपुर से सत्यदेव पचौरी, बरेली से सांसद संतोष गंगवार, चंदौली से महेंद्रनाथ पांडे, और मथुरा सांसद हेमा मालिनी के नाम शामिल है.

इन सांसदों का भी कट सकता है टिकट

वहीं, दूसरी तरफ कुछ नेता अपने प्रदर्शन और रवैया के चलते भी इसमें शामिल हैं, जिनमें बदायूं से संगमित्रा मौर्य, बलिया से वीरेंद्र सिंह मस्त, फूलपुर से केसरीदेवी पटेल, भदोही से रमेश बिंद, फतेहपुर से साध्वी निरंजन ज्योति, कुशीनगर से विजय दुबे, अकबरपुर से देवेंद्र सिंह बोले, फिरोजाबाद सांसद चंद्रसेन जादौन, मेरठ सांसद राजेंद्र अग्रवाल के अलावा पीलीभीत और सुल्तानपुर से वरुण गांधी और मेनका गांधी भी इस चर्चा में शामिल हैं. माना जा रहा है की बीजेपी के आंतरिक सर्वे के आधार और कार्यकर्ता के फीडबैक के आधार पर ये फैसला लिया जाएगा.

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यूपी के इन मंत्रियों को मिल सकता है टिकट!

वहीं, दूसरी तरफ यूपी सरकार के कई मंत्री और विधायक सांसदी का चुनाव लड़ने में दिलचस्पी ले रहे हैं. इसने बीजेपी के अंदर ही एक ऐसी प्रतियोगिता को जन्म दे दिया है, जिससे सत्ताधारी पार्टी के भीतर आपाधापी बढ़ गई है. खबर है कि धर्मपाल सिंह, जितिन प्रसाद, बेबी रानी मौर्य, नंद गोपाल गुप्ता नंदी, दया शंकर सिंह और चौधरी लक्ष्मी नारायण चुनावी मैदान में उतरने को तैयार हैं. पशुपालन मंत्री धर्मपाल सिंह आंवला, नंद गोपाल ‘नंदी’ अपने गृह क्षेत्र प्रयागराज, समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण, उद्यान मंत्री दिनेश प्रताप सिंह रायबरेली, राज्यमंत्री सोमेंद्र तोमर और अनूप बाल्मीकि कैराना और हाथरस से दावेदारों में शामिल हैं.

वहीं, बीजेपी के मौजूदा विधायकों में देखा जाए सिद्धार्थ नाथ सिंह फूलपुर से, सतीश द्विवेदी की सिद्धार्थनगर पर, सुरेश राणा की सहारनपुर पर और आनंद शुक्ला की नजर चित्रकूट सीट पर है. मांट विधायक राजेश चौधरी मथुरा सीट के दूसरे दावेदार हैं और अनूपशहर विधायक संजय शर्मा अलीगढ़ लोकसभा सीट, तो वहीं सरोजनीनगर विधायक राजेश्वर सिंह सुल्तानपुर सीट और दातागंज विधायक राजीव सिंह बब्बू बदायूं से दावेदारी की तैयारी में नजर आते हैं.

बीजेपी के टिकट बांटने की रणनीति पर यूपी एक से बातचीत में यूपी बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने कहा कि अपने काम की रिपोर्ट कार्ड के आधार पर और कार्यकर्ता और जमीनी फीडबैक टिकटों की दावेदारी को तय करता है. आगामी लोकसभा चुनाव में केंद्रीय मंत्रियों के चुनाव लड़ने पर उन्होंने कहा कि पार्टी नेतृत्व के लिए कार्यकर्ता, मंत्री विधायक, सभी बराबर हैं और जहां जिसकी जरूरत है उसका उस हिसाब से चयन होता है.

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