आगरा में पुलिस कस्टडी में सफाई कर्मी की मौत से BJP सरकार फिर कठघरे में: मायावती

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आगरा में पुलिस हिरासत में एक सफाई कर्मी की संदिग्ध हालात में मौत के मामले पर सियासी वार-पलटवार लगातार जारी है. इस बीच बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) चीफ मायावती ने इस मामले को लेकर यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार को निशाने पर लिया है.

मायावती ने 21 अक्टूबर को ट्वीट कर कहा है, ” गोरखपुर में पुलिस द्वारा होटल में एक व्यापारी की हुई दुखद हत्या के बाद अब आगरा में पुलिस कस्टडी में एक दलित सफाई कर्मी की हुई मौत से वर्तमान बीजेपी सरकार पुनः कठघरे में खड़ी है. अतः सरकार अपनी पुलिस व्यवस्था में जरूरी सुधार लाए, बीएसपी की यह मांग (है).”

इसके अलावा मायावती ने बताया, “आगरा में पुलिस कस्टडी में सफाई कर्मी की हुई मौत की अति-दुःखद घटना के संबंध में श्री गयाचरण दिनकर के नेतृत्व में बीएसपी का एक प्रतिनिधिमंडल आज आगरा जाकर घटना के दोषियों को सजा और पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने आदि को लेकर पीड़ित परिवार और प्रशासन से भी मिलेगा.”

इस बीच यूपी डीजीपी मुकुल गोयल ने कहा है, ”आगरा की घटना दुर्भाग्यपूर्ण घटना है. ऐसी घटनाएं नहीं होनी चाहिए और भविष्य में इन्हें रोकने के लिए सख्त निर्देश दिए गए हैं. केस दर्ज कर लिया गया है, जांच जारी है, दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा.”

सफाई कर्मी की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को लेकर एसएसपी आगरा मुनिराज जी. ने बताया, ”एनएचआरसी के दिशा-निर्देशों के हिसाब से, डॉक्टरों के पैनल ने शव का पोस्टमॉर्टम किया. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक, मौत का कारण हार्ट अटैक है. आगे की जांच चल रही है.”

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क्या है मामला?

यह मामला आगरा के जगदीशपुरा थाने से 25 लाख रुपये चुराने के आरोपी व्यक्ति की पुलिस हिरासत में संदिग्ध हालात में मौत का है. अधिकारियों ने बुधवार को कहा कि पूछताछ के दौरान आरोपी की सेहत बिगड़ने लगी और उसकी मौत हो गई.

आगरा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मुनिराज जी. ने कहा कि चोरी के पैसे बरामद करने के लिए मंगलवार की रात आरोपी के आवास की तलाशी ली गई और इस दौरान अचानक उसकी तबीयत बिगड़ गई. उन्होंने बताया कि आरोपी को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत लाया गया घोषित कर दिया.

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पुलिस ने बताया कि अरुण नाम के व्यक्ति पर शनिवार की रात थाने के मालखाना (थाने में वह कमरा जहां जब्त की गई वस्तुएं रखी जाती हैं) से नकदी चुराने का आरोप था. वह थाने में सफाईकर्मी का काम करता था.

पुलिस के अनुसार, जांच के दौरान पुलिस ने कई संदिग्धों को पकड़ा, उनमें से अरुण भी एक था, क्योंकि वह मालखाना में जा सकता था, अरुण को मंगलवार को आगरा के ताजगंज इलाके से कस्टडी में लिया गया था, उसने पहचान छुपाने के लिए अपना सिर मुंडा लिया था.

आगरा के एसएसपी ने बताया, ‘‘पुलिस दल चोरी को लेकर विभिन्न संदिग्धों से पूछताछ कर रहा था. मंगलवार की शाम लोहामंडी क्षेत्र निवासी अरुण को पुलिस हिरासत में लिया गया.’’ उन्होंने बताया, ‘‘पूछताछ के दौरान अरुण ने चोरी करना स्वीकार किया और बताया कि चोरी के पैसे उसके घर में रखे हैं.’’

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पुलिस के मुताबिक, अरुण की ”तबीयत बिगड़ने” और उसकी मौत होने से पहले पुलिस ने उसके घर की तलाशी में 15 लाख रुपये बरामद कर लिए थे.

एसएसपी ने बताया कि अरुण के परिवार ने एफआईआर ऐप्लिकेशन दी थी, पुलिस के ऊपर उनका शक है, मामले में एफआईआर दर्ज की जा चुकी है.

वहीं, मामले में हुई कार्रवाई पर एडीजी आगरा जोन राजीव कृष्णा ने बताया, ”हमने उन सभी 5 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है, जो पूछताछ करने वाली टीम में शामिल थे. एक गैजेटेड ऑफिसर मामले की जांच करेगा. मृतक के परिवार को 10 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा.”

(भाषा के इनपुट्स के साथ)

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