जेल में मनीष जगन अग्रवाल से मिलने आया था, लेकिन मुझे मिलने नहीं दिया गया: अखिलेश यादव

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समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के मीडिया प्रकोष्ठ के पदाधिकारी मनीष जगन अग्रवाल (Manish Jagan Agarwal) की गिरफ्तारी के बाद पार्टी चीफ अखिलेश यादव रविवार को लखनऊ स्थित पुलिस मुख्यालय पहुंचे. वहां उन्होंने कहा कि आज मैं यहां जेल में मनीष जगन अग्रवाल से मिलने आया था, लेकिन मुझे मिलने नहीं दिया गया.

उन्होंने आगे कहा कि मैं इसलिए भी जेल आया था कि हमारी पार्टी के कार्यकर्ता जेल देख सकें, क्योंकि अब उनका भी जेल आना लगा रहेगा. अखिलेश ने कहा कि बीजेपी गाली गलौज करती है. बीजेपी के सोशल मीडिया अकाउंट से हमारी पत्नी, परिवार और बच्चियों के लिए अभद्र भाषा का प्रयोग किया गया है, लेकिन उसपर कोई कार्रवाई नहीं हुई.

उन्होंने कहा कि बीजेपी पुलिस का गलत इस्तेमाल करती है और उन पर दबाव बनाती है गलत काम करने का. उन्होंने कहा कि पूर्व में भी समाजवादी पार्टी के कई नेताओं के खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग किया गया और फर्जी मुकदमों में जेल भेजा गया है, जैसे मोहम्मद आजम खान साहब.

अखिलेश ने कहा कि समाजवादी पार्टी अब आंदोलन करेगी. उन्होंने कहा कि मैं आज पुलिस हेड क्वार्टर पहुंचा लेकिन वहां कोई भी अधिकारी नहीं मिला. 12 बजे तक कोई भी अधिकारी नहीं आया जबकि पुलिस को जाना चाहिए, लेकिन उसके बावजूद भी कोई पुलिस अधिकारी नहीं मिला.

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सपा के मीडिया प्रकोष्ठ के पदाधिकारी मनीष जगन अग्रवाल को सोशल मीडिया पर महिलाओं के प्रति कथित अभद्र टिप्पणी करने के आरोपों में रविवार सुबह लखनऊ के हजरतगंज इलाके से गिरफ्तार कर लिया गया.

पुलिस उपायुक्त (मध्य) अर्पणा रजत कौशिक ने बताया कि अग्रवाल को आज सुबह हजरतगंज से गिरफ्तार किया गया. उन पर सोशल मीडिया पर महिलाओं के प्रति अभद्र और अपमानजनक टिप्पणी करने का आरोप है.

भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो)की उत्तर प्रदेश इकाई की सोशल मीडिया प्रभारी ऋचा राजपूत द्वारा दी गई शिकायत के आधार पर पिछली चार जनवरी को हजरतगंज थाने में अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ धाराओं 354 (ए) (यौन उत्पीड़न), 504 (जानबूझकर अपमान) और 506 (आपराधिक धमकी के लिए सजा) में मुकदमा दर्ज किया गया था.

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पुलिस को दी गई शिकायत में ऋचा ने सपा मीडिया सेल के ट्विटर अकाउंट पर की गई कई टिप्पणियों का हवाला देते हुए कहा था ‘समाजवादी पार्टी के जिम्मेदार पदाधिकारियों ने धमकी दी है कि मेरे साथ बलात्कार किया जाएगा.उन्होंने मुझे जान से मारने की भी धमकी दी है. उन्होंने मेरे खिलाफ अभद्र टिप्पणी भी की है.’ अग्रवाल इस हैंडल का संचालन करते थे.

इस बीच, अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने यहां पुलिस मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत में अखिलेश की तरफ इशारा करते हुए कहा, ‘एक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष (अखिलेश यादव) अन्य विधायकों के साथ डीजीपी मुख्यालय आए थे. उन्होंने पूछा कि सपा के मीडिया प्रकोष्ठ से जुड़े मनीष जगन अग्रवाल को क्यों गिरफ्तार किया गया. उन्हें (अखिलेश) बताया गया कि अग्रवाल के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था और उसकी गिरफ्तारी विस्तृत जांच के बाद की गई है.’

उन्होंने कहा कि पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई कानून के प्रावधानों के अनुरूप है. कुमार ने कहा, ‘उस व्यक्ति (अग्रवाल) ने समय-समय पर शालीनता की हदें पार कीं और ट्वीट किए.उन्होंने पत्रकारों के खिलाफ अभद्र भाषा और जातिवादी भावना के साथ ट्वीट भी किए थे.’ वहीं, सपा ने अग्रवाल की गिरफ्तार को ‘शर्मनाक’ बताते हुए उन्हें फौरन रिहा करने की मांग की.

पार्टी ने अपने आधिकारिक हैंडल से किये गये ट्वीट में कहा, ”समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता मनीष जगन अग्रवाल को लखनऊ पुलिस के द्वारा गिरफ्तार करना निंदनीय एवं शर्मनाक! सपा कार्यकर्ता को अविलंब रिहा करे पुलिस.”

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अग्रवाल की गिरफ्तारी के बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पूर्वाह्न करीब 11 बजे गोमतीनगर स्थित पुलिस मुख्यालय पहुंचे.उनके साथ सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी और पार्टी प्रान्तीय अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल भी मौजूद थे.

इस दौरान सपा कार्यकर्ताओं ने पुलिस मुख्यालय के एक गेट पर धरना प्रदर्शन और नारेबाजी की. बाद में पुलिस ने उन्हें तितर-बितर दिया.

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