PFI और उसके अनुषांगिक संगठनों पर लगाया गया प्रतिबंध सराहनीय एवं स्वागत योग्य: CM योगी

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UP Political News: केंद्र सरकार ने कथित रूप से आतंकी गतिविधियों में संलिप्तता और आईएसआईएस जैसे आतंकवादी संगठनों से ‘‘संबंध’’ होने के कारण ‘पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया’ (पीएफआई) व उससे संबद्ध कई अन्य संगठनों पर पांच साल का प्रतिबंध लगा दिया है. वहीं, केंद्र सरकार के इस फैसले का उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वागत किया है.

उन्होंने ट्वीट कर कहा,

“राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में संलिप्त पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और उसके अनुषांगिक संगठनों पर लगाया गया प्रतिबंध सराहनीय एवं स्वागत योग्य है. यह ‘नया भारत’ है, यहां आतंकी, आपराधिक और राष्ट्र की एकता व अखंडता तथा सुरक्षा के लिए खतरा बने संगठन एवं व्यक्ति स्वीकार्य नहीं.”

योगी आदित्यनाथ

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आपको बता दें कि पीएफआई और उसके नेताओं से जुड़े ठिकानों पर छापेमारी के बाद सरकार ने यह कदम उठाया है.

आतंकवाद रोधी कानून ‘यूएपीए’ के तहत प्रतिबंधित संगठनों में ‘रिहैब इंडिया फाउंडेशन’ (आरआईएफ), ‘कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया’ (सीएफ), ‘ऑल इंडिया इमाम काउंसिल’ (एआईआईसी), ‘नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गेनाइजेशन’ (एनसीएचआरओ), ‘नेशनल विमेंस फ्रंट’, ‘जूनियर फ्रंट’, ‘एम्पॉवर इंडिया फाउंडेशन’ और ‘रिहैब फाउंडेशन (केरल)’ के नाम शामिल हैं.

इस 16 साल पुराने संगठन के खिलाफ मंगलवार को सात राज्यों में छापेमारी के बाद 150 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया या गिरफ्तार किया गया. इससे पांच दिन पहले भी देशभर में पीएफआई से जुड़े ठिकानों पर छापेमारी की गई थी और करीब 100 से अधिक लोगों को उसकी कई गतिविधियों के लिए गिरफ्तार किया गया था, जबकि काफी संख्या में संपत्तियों को भी जब्त किया गया.

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केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से मंगलवार देर रात जारी एक अधिसूचना के अनुसार, पीएफआई के कुछ संस्थापक सदस्य ‘स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया’ (सिमी) के नेता हैं और पीएफआई के जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) से भी जुड़े हैं. जेएमबी और सिमी दोनों ही प्रतिबंधित संगठन हैं.

अधिसूचना में दावा किया गया कि पीएफआई और उसके सहयोगी या मोर्चे देश में असुरक्षा होने की भावना फैलाकर एक समुदाय में कट्टरता को बढ़ाने के वास्ते गुप्त रूप से काम कर रहे हैं, जिसकी पुष्टि इस तथ्य से होती है कि पीएफआई के कुछ कार्यकर्ता अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय आतंकवादी संगठनों में शामिल हुए हैं.

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा कि उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और गुजरात सरकार ने भी पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने का सुझाव दिया था.

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अधिसूचना में कहा गया कि पीएफआई ने समाज के विभिन्न वर्गों जैसे युवाओं, छात्रों, महिलाओं, इमामों, वकीलों या समाज के कमजोर तबकों के बीच अपनी पहुंच बढ़ाने के लिए अपने अलग-अलग मोर्चे बनाए, जिसका एकमात्र लक्ष्य अपना विस्तार करना, प्रभाव बढ़ाना और धन एकत्रित करना रहा.

केंद्र ने एक अन्य अधिसूचना में राज्य सरकारों को उन संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार दिया, जो पीएफआई से जुड़े थे. उनकी गिरफ्तारी की जा सकती है और संपत्ति आदि जब्त भी की जा सकती है.

(भाषा के इनपुट्स के साथ)

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