लोकसभा चुनाव से पहले UP में छिड़ी यात्राओं की जंग, BJP की पसमांदा को तो सपा की PDA को साधने की तैयारी

अभिषेक मिश्रा

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Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश में मिशन 2024 के लिए जहां बीजेपी लगातार अपने कार्यक्रम के जरिए जनता तक पहुंच रही है तो वह अब समाजवादी पार्टी भी चुनाव के मूड में आती नजर आती है. समाजवादी पार्टी ने अपना प्रशिक्षण शिविर नैमिषारण्य से शुरू किया था, जिस पर 50 दिन का ब्रेक लगा. लेकिन अब पार्टी नए सिरे से यात्रा के जरिए चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी कर रही है. दरअसल, बीजेपी की पसमांदा मुसलमानों को लुभाने के लिए निकाली जा रही यात्रा के जवाब में अब सपा प्रयागराज से अगस्त क्रांति दिवस के मौके पर साइकल यात्रा निकालेगी.

यूपी में पसमांदा vs पीडीए यात्रा

लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी सपा देश बचाओ-देश बनाओ समाजवादी साइकिल यात्रा अगस्त क्रांति दिवस यानी नौ अगस्त को प्रयागराज से शुरू होगी. पहले चरण में 25 लोकसभा सीटों को कवर करने वाली यह यात्रा सपा के पक्ष में माहौल तैयार करेगी. यात्रा के पहले चरण का समापन लखनऊ में होगा. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस साइकिल यात्रा के जरिए जातीय जनगणना के मुद्दे को लोगों के बीच ले जाने को कहा है. प्रयागराज से शुरू हो रही यह यात्रा प्रदेश के 24 जिलों से होकर गुजरेगी. इस यात्रा की अगुवाई समाजवादी पार्टी के युवा नेता और इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्र नेता अभिषेक यादव करेंगे.

लोकसभा चुनाव से पहले UP में छिड़ी यात्राओं की जंग

वहीं दूसरी तरफ बीजेपी की तैयारी पसमांदा समाज को एक बार फिर से अपने मुख्य धारा के तौर पर जोड़ने की है. जिसके लिए अगस्त के पहले हफ्ते में पसमांदा स्नेह संवाद यात्रा गाजियाबाद से शुरू होकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 29 जिलों से होती हुई पहुंचेगी. इस यात्रा पर बात करते हुए यूपी बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष कुंवर बासित अली ने कहा की पसमांदा मुसलमानों को लगातार बीजेपी लाभार्थी के तौर पर और मुख्यधारा में लाने के लिए जोड़ती रहेगी. इसी कड़ी में यात्रा सभी को यह बताने की कवायत है कि बीजेपी सरकार हर मोर्चे पर समाज के साथ खड़ी है. सपा बसपा कांग्रेस ने केवल वोट के लिए इस समाज का इस्तेमाल किया है लेकिन बीजेपी ने उन्हें मुख्यधारा में जोड़कर आज आगे लाने का काम किया है.

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BJP की पसमांदा को साधने की तैयारी

पसमांदा मुसलमानों को लेकर बीजेपी की कवायद लंबे समय से चली आ रही है, जिसमें लाभार्थी सम्मेलन से लेकर मन की बात का उर्दू रूपांतरण और जनसंपर्क अभियान जैसे कार्यक्रम आयोजित किए जाते रहे हैं. लेकिन इस बात को धार तब मिली जब पीएम नरेंद्र मोदी ने भोपाल में बीजेपी के बूथ लेवल कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए इस समाज के मुद्दों को खुले तौर पर उठाया था. पीएम मोदी ने कहा था कि, ‘जो पसमांदा मुसलमान है, उन्हें आज भी बराबरी का दर्जा नहीं मिला है.’ उन्होंने मोची, भठियारा, जोगी, मदारी, जुलाहा, लंबाई, तेजा, लहरी, हलदर जैसी पसमांदा जातियों का जिक्र करते हुए कहा कि इनके साथ इतना भेदभाव हुआ है, जिसका नुकसान उनकी कई पीढ़ियों को भुगतना पड़ा.

सपा ने भी की पूरी तैयारी

दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी ने बीजेपी की यात्रा पर पलटवार किया है. सपा प्रवक्ता नेता अमीक जमई ने कहा कि बीजेपी ने हमेशा मुसलमानों को बरगलाने का काम किया है. आज अल्पसंख्यकों के साथ मणिपुर से लेकर बंगाल तक जो अत्याचार हो रहे हैं. खासतौर पर पसमांदा मुसलमानों के लिए ना तो रोजगार और ना ही उनके उद्योगों को कोई बढ़ावा मिला जो आज लगातार पीछे होते नजर आते हैं. यह बीजेपी की केवल वोट पाने की कवायत है लेकिन आने वाले लोकसभा चुनाव में पिछड़ा दलित और अल्पसंख्यक समाजवादी पार्टी के साथ खड़ा नजर आएगा.

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क्या कहते हैं राजनीतिक विशेषज्ञ

इस यात्रा पर वरिष्ठ पत्रकार राजनीतिक विश्लेषक शरद प्रधान कहते हैं कि बीजेपी मुस्लिम वोट को बांटने की कवायत में है. उसे लगता है कि पसमांदा मुसलमानों के मुद्दों को उठाकर और अपनी योजनाओं से जोड़ कर आने वाले चुनाव में वह कुछ हद तक इस समाज का वोट पाने में कामयाब रहेगी. लेकिन पिछले चुनाव में भी मुस्लिम वोट एकमुश्त समाजवादी पार्टी को जाता हुआ नजर आया था. वहीं 2024 चुनाव की तैयारी की शुरुआत को लेकर अखिलेश यादव की यात्रा एक धीमी शुरुआत है और इससे पहले भी समाजवादी पार्टी मुलायम सिंह के दौड़ से यात्रा निकालती रही है. पर इस बार लड़ाई पिछड़ा दलित और अल्पसंख्यक वोटों को लेकर के हैं जो दोनों पार्टियों के बीच आने वाले समय में और कड़ी होती नजर आएगी.

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