पुराने साथी नाराज! बिहार में विपक्षी दलों की बैठक से क्या नए गठबंधन की नींव बनाएंगे अखिलेश?

समर्थ श्रीवास्तव

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यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में सपा चीफ अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के गठबंधन साथी उनसे नाराज बताए जा रहे हैं, तो वहीं अखिलेश 23 जून को बिहार में विपक्षी दलों की बैठक में शामिल हो कर एक नए गठबंधन की नींव का हिस्सा बनने जा रहे हैं.

अखिलेश के पुराने साथी सुभासपा चीफ ओम प्रकाश राजभर का झुकाव बीजेपी की ओर है, तो वहीं महान दल के अध्यक्ष केशव देव मौर्य लोकसभा चुनाव में बसपा को समर्थन देने की बात का ऐलान कर चुके हैं.

सूत्रों के मुताबिक, जयंत चौधरी के साथ भी अखिलेश के मनमुटाव की खबरें लगातार पश्चिमी में यूपी से सामने आ रही हैं. सपा ने जब से हरेंद्र मलिक को मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट का प्रभारी नियुक्त किया है तब से आरएलडी के कार्यकर्ताओं में अखिलेश यादव की लोकसभा चुनाव में टिकट देने की नियत को लेकर अभी से सवाल उठने लगा है.

जवाई विधानसभा सीट पर जयंत चौधरी के पिता अजीत सिंह चुनाव हारे हैं और ऐसे में जयंत इस सीट पर अपने परिवार से किसी को लड़ाने की सोच रहे हैं. ऐसे में अगर सपा इसी सीट से अपना कैंडिडेट उतारती है तो आरएलडी और सपा के बीच खटास आना लगभग तय माना जा रहा है. हालांकि, आरएलडी और सपा की आलाकमान इन खबरों को कुछ नेताओं के बीच का व्यक्तिगत मामला ही बता रही है.

राष्ट्रीय लोक दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी ने पूरे प्रदेश में एक सदस्यता अभियान चलाया हुआ है.

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सपा और आरएलडी के बीच मनमुटाव की खबरों पर राष्ट्रीय लोक दल के महासचिव अजीत राठी ने कहा कि अखिलेश और जयंत बैठकर तय करेंगे कि चुनाव कौन लड़ेगा. अभी तक तो निचले वह बूथ स्तर तक जाने की तैयारियों में कार्यकर्ता लगे हुए हैं. इसमें हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष और दोनों-तीनों दलों के नेता जो हैं, वह निर्णय लेंगे कि कौन यहां चुनाव लड़ेगा. नाराजगी का तो यह है कि यह तो व्यक्ति विशेष तक का मामला होगा कि उसे किस वजह से नाराजगी है, ये तो वही जान सकते हैं.

अजीत राठी ने कहा कि समाजवादी पार्टी ने हरेंद्र मालिक को प्रभारी नियुक्त किया है. पार्टी का यह खुद का निर्णय है और अभी यह कार्यक्रम चल रहे हैं. उसके बाद ही बैठकर हमारे नेता तय करेंगे कि यहां से कौन चुनाव लड़ेगा. जयंत से नाराजगी से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि नहीं ऐसा कुछ नहीं है अभी तो गठबंधन और मजबूत होगा और दल बीच में जुड़ेंगे और निश्चित ही यहां से भारतीय जनता पार्टी को यूपी से रोका जाएगा.

पुराने गठबंधन साथियों से नाराजगी और अब नया गठबंधन से जुड़े सवाल पर समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अमीक जामेई ने कहा कि जब यूपीए 1 और यूपीए 2 बना तो बहुत सारे दल पहले से गठबंधन में नहीं थे. कुछ दलों में भले मतभेद हो, लेकिन सोच सब की है. बीजेपी को सत्ता से बेधकल करना.

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वहीं, उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि अखिलेश के साथ यादव और मुसलमान ही नहीं है. जब-जब सत्ता में रहे केवल अपने परिवार को आगे बढ़ाया. सपा एक डूबता जहाज है. जयंत से अखिलेश की नाराजगी की खबरों पर उन्होंने कहा कि 2024 तक इंतजार करिए स्थिति साफ होगी. हम 80 में 80 जीतेंगे.

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