मुख्तार अंसारी की मौत पर अखिलेश यादव का पहला रिएक्शन आया सामने, उठाए कई सवाल
उत्तर प्रदेश की मऊ विधानसभा से पूर्व विधायक और गैंगस्टर मुख्तार अंसारी की गुरुवार को मौत हो गई. वो बांदा जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा था.
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Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश की मऊ विधानसभा से पूर्व विधायक और गैंगस्टर मुख्तार अंसारी की गुरुवार को मौत हो गई. वो बांदा जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा था. मुख्तार को करीब दो साल तक पंजाब की रोपड़ जेल में भी रखा गया था. वहीं मुख्तार अंसारी की मौत पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव की प्रतिक्रिया सामने आई है. सपा प्रमुख ने मुख्तार की मौत को लेकर उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था पर ही सवाल उठा दिया है.
अखिलेश यादव ने उठाए सवाल
अखिलेश यादव ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट पर कहा कि, 'हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा. ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए. सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं.' सपा प्रमुख ने आगे कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं. उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है. ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है.
धीमा जहर देने का भी लगा है आरोप
बता दें कि बांदा जेल में बंद माफिया डॉन मुख्तार अंसारी की गुरुवार रात दिल का दौरा पड़ने से मौत हो चुकी है. इससे पहले वकील और परिजनों ने मुख्तार को धीमा जहर देने जैसे आरोप लगाए थे. बाराबंकी के एमपी-एमएलए कोर्ट में एंबुलेंस मामले की पेशी के दौरान मुख्तार अंसारी के वकील की तरफ से कोर्ट में लिखित एप्लीकेश दी गई थी. इसमें जेल में बंद अंसारी को धीमा जहर देने की शिकायत की गई थी. मुख्तार अंसारी ने 21 मार्च को कोर्ट में एप्लीकेशन दी थी वहीं कोर्ट में अर्जी देने के करीब आठ दिन बाद मुख्तार की मौत हो गई.
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