महुआ मोइत्रा की संसद सदस्यता खत्म होने पर भड़के अखिलेश, भाजपा के सांसदों पर कही ये बात
Uttar Pradesh News : कैश फॉर क्वेरी मामले को लेकर टीएमसी (TMC) की सांसद महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) की लोकसभा सदस्यता खत्म कर दी गई.…
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Uttar Pradesh News : कैश फॉर क्वेरी मामले को लेकर टीएमसी (TMC) की सांसद महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) की लोकसभा सदस्यता खत्म कर दी गई. लोकसभा ने आचार समिति की उस रिपोर्ट को मंजूरी प्रदान कर दी है, जिसमें तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा को निष्कासित करने की सिफारिश की गई थी. वहीं महुआ मोइत्रा की सदस्यता रद्द होने के बाद समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने भाजपा और केन्द्र सरकार पर हमला बोला है.
Cash For Query मामले में TMC की महुआ मोइत्रा पर गिरी गाज, रद्द हुई लोकसभा सदस्यता।
लोकसभा को 11 दिसंबर सुबह 11 बजे तक के लिए किया गया स्थगित।#CashForQuery #MahuaMoitra #LokSabha | @ombirlakota pic.twitter.com/8ZOfwgJrUt
— News Tak (@newstakofficial) December 8, 2023
अखिलेश ने कही ये बात
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा मुखिया अखिलेश यादव ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट मे लिखा कि, ‘सत्ताधारी दल विपक्ष के लोगों की सदस्यता लेने के लिए किसी सलाहकार को रख ले, जिससे मंत्रीगण व सत्ता पक्ष के सासंदों और विधायकों का समय षड्यंत्रकारियों गतिविधियों में न लगकर लोकहित के कार्यों में लगे. जिन आधारों पर सांसदों की सदस्यता ली जा रही है, अगर वो आधार सत्ता पक्ष पर लागू हो जाएं तो शायद उनका एक दो सासंद-विधायक ही सदन में बचेगा.’ सपा प्रमुख ने आगे कहा कि,’ कुछ लोग सत्ता पक्ष के लिए सदन से अधिक सड़क पर घातक साबित होते हैं.’
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सदस्यता खत्म होने पर भड़कीं महुआ
वहीं लोकसभा सदस्यता खत्म होने पर टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा ने कहा कि, ‘उन्हें सदन में बोलने का मौका नहीं मिला. महुआ ने कहा, “लोकसभा स्पीकर का फैसला सिर्फ मेरे लॉग इन शेयर करने के आधार पर लिया गया. मेरे घर सीबीआई भेजी जाएगी और 6 महीने तक मुझे टॉर्चर किया जाएगा. मैं अगले 30 साल संसद के अंदर औऱ बाहर लड़ती रहूंगी.’
क्या था पूरा मामला
बता दें कि भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने वकील जय अनंत देहाद्राई के माध्यम से मोइत्रा के खिलाफ लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को शिकायत भेजी थी. जिसमें उन पर अडाणी समूह और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को निशाना बनाने के लिए कारोबारी दर्शन हीरानंदानी के कहने पर सदन में सवाल पूछने के बदले रिश्वत लेने का आरोप लगाया गया था.
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