सनातन धर्म को बचाने के लिए योगी को दोबारा लाना जरूरी: अखाड़ा परिषद

भाषा

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अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के नवनिर्वाचित अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी ने सोमवार को कहा कि अखाड़ा परिषद के सामने सबसे बड़ी चिंता सनातन धर्म को लेकर है और उनका सबसे बड़ा मिशन उत्तर प्रदेश में योगी (आदित्यनाथ) सरकार को दोबारा लाना है.

दारांगज के मोरी गेट स्थित निरंजनी अखाड़ा के मुख्यालय में आयोजित अखाड़ा परिषद की बैठक में अध्यक्ष चुने जाने के बाद निरंजनी अखाड़ा के सचिव महंत रविंद्र पुरी ने संवाददाताओं से कहा कि अगर सनातन धर्म को बचाना है तो योगी (सरकार) को दोबारा लाना है.

महंत रविंद्र पुरी ने उत्तर प्रदेश में दूसरी पार्टी के सत्ता में आने पर राम मंदिर का निर्माण रुकने की आशंका जताते हुए कहा, “अगर हम बीजेपी को सत्ता में लेकर नहीं आएंगे तो राम मंदिर का काम समाप्त हो जाएगा. राम मंदिर का निर्माण तभी होगा, जब बीजेपी आएगी.”

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देते हुए अखाड़ा परिषद अध्यक्ष ने कहा, “जबसे मोदी जी आए हैं, राम मंदिर का मुद्दा सुलझा है और राम मंदिर बन रहा है. कांग्रेस मुक्त भारत के मोदी के सपने को पूरा करने में संत समाज उनके साथ है.”

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उन्होंने बताया कि अखाड़ा परिषद की बैठक में कई प्रस्ताव पारित किए. श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा के मंत्री श्रीमहंत महेश पुरी ने प्रस्ताव रखा कि श्री बद्रीनाथ धाम का नाम बदलने का षड्यंत्र देवबंद द्वारा किया जा रहा है जिसकी अखाड़ा परिषद घोर निंदा और विरोध करती है और उनकी दावेदारी खारिज करती है.

बैठक में बड़ा उदासीन अखाड़ा के महंत शुखदेव मुनी ने अखाड़ा परिषद से मांग की कि विभिन्न अखाड़ों के साधु संतों के लापता होने और कई साधु संतों की हत्या की सीबीआई से जांच कराने की सरकार से मांग की जाए.

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