RSS चीफ भागवत के बयान के बाद रामचरितमानस को केंद्र में रखकर स्वामी मौर्य ने फिर बोला हमला
Uttar Pradesh Ramcharitmanas controversy: उत्तर प्रदेश में रामचरितमानस की चौपाइयों को लेकर सियासी माहौल काफी गर्म है. सपा के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य की टिप्पणी…
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Uttar Pradesh Ramcharitmanas controversy: उत्तर प्रदेश में रामचरितमानस की चौपाइयों को लेकर सियासी माहौल काफी गर्म है. सपा के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य की टिप्पणी के बाद इस मामले को लेकर सभी राजनीतिक दलों और बड़े नेताओं की तरफ से लगातार प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं. बता दें कि बीते रविवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने जाति व्यवस्था को लेकर एक टिप्पणी की थी, जिसकी अब चर्चा हो रही है. वहीं, मोहन भागवत की टिप्पणी को लेकर स्वामी प्रसाद मौर्य ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की.
सबसे पहले जानिए आखिर मोहन भागवत ने क्या था?
आरएसएस चीफ मोहन भागवत का एक बयान रविवार से वायरल हो रहा है. न्यूज एजेंसी एएनआई ने इस बयान का करेक्शन पेश किया है. असल में मोहन भागवत ने मुंबई के एक कार्यक्रम में जाति व्यवस्था को लेकर एक टिप्पणी की. एएनआई के करेक्शन ट्वीट के मुताबिक भागवत ने कहा, ‘सत्य ही ईश्वर है, सत्य कहता है मैं सर्वभूति हूं, रूप कुछ भी रहे योग्यता एक है, ऊंच-नीच नही है, शास्त्रों के आधार पर कुछ पंडित जो बताते है, वो झूठ है. जाति की श्रेष्ठता की कल्पना में ऊंच नीच में अटक कर हम गुमराह हो गए, भ्रम दूर करना है.’
वहीं, भागवत के बयान सपा एमएलसी ने कहा,
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मेरा अनुरोध है कि अगर हिंदू धर्म सुरक्षित रहे, सुनिश्चित रहे, तो बुराइयों को दूर करने के लिए धर्माचार्य आगे आएं. यदि किसी पाठ्यपुस्तक में या किसी रचना में कहीं भी जातिसूचक शब्दों का प्रयोग कर नीच अधम कहा गया. महिला और शूद्र समाज को प्रताड़ित-अपमानित करने के लिए कहा गया. महिलाओं को नीच में भी नीच बताया गया, तो ऐसे सभी तथ्यों को तत्काल पुस्तकों से बाहर किया जाना चाहिए, जिसके नाते समय-समय विवाद होता रहा है.”
स्वामी प्रासाद मौर्य
उन्होंने आगे कहा, “आगे विवाद न हो, इसलिए आज समय है कि सभी लोग बुराइयों, कुरीतियों, धर्म के नाम पर किसी को अपमानित करने वाली टिप्पणियों को हटाने का काम करें.”
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मौर्य ने कहा, “हमने तो केवल रामचरितमानस का विरोध किया था. लेकिन मोहन भागवत के इस बयान से तो अब हर पुस्तक से जहां भी जाति का वर्णन है वह सब विवाद में आएंगे. 15 दिन से लंबा विचार विमर्श चल रहा है. जातिवाद की बाते करने वाले लोग हिल गए हैं कि कहीं हिंदू धर्म वाले और किसी धर्म में न जाएं, इसलिए समय की नजाकत देखते हुए भागवत जी ने यह बयान दिया है. अगर उन्होंने बिना दबाव से यह बात कही है तो जाति विशेष को अपमानित करने वाली हर पंकित्यो को हटाने की पहल करें.”
सपा नेता ने कहा, “मैं उन धर्माचार्यों से कहना चाहता हूं कि आपकी बनाई व्यवस्था में चौथे पायदान पर आने वाले समाज की जाति में मैं पैदा हुआ इसलिए आपने फरमान जारी कर दिया. क्या आपके अंदर हिम्मत है कि आप भागवत जी के हाथ-पैर-सिर कटने की हिम्मत कर सकेंगे.”
स्वामी प्रासाद मौर्य ने कहा, “अंबेडकर साहब ने कहा था कि हम हिंदू धर्म में पैदा हो गए हैं, यह हमारे वश में नहीं था. पर हम ऐसे मरेंगे नहीं यह वश में है. इसीलिए उन्होंने धर्म परिवर्तन किया. इस धर्म की कमियां हजारों सालों से चली आ रही हैं.”
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बकौल मौर्य, “पीएम मोदी ने भी सभाओं में कहा था कि पार्टी विशेष के लोग मुझे नीच कहते हैं क्योंकि मैं पिछड़ी जाति में पैदा हुआ हूं, जब पीएम खुद यह झेल चुके हैं, तो गांव के सामान्य दबे-कुचले-दलित-आदिवासी समाज के व्यक्ति का क्या हाल होगा, महिलाओं के साथ कितना सौतेला व्यवहार होता होगा इसका अंदाजा नहीं लगा सकता?”
रामचरितमानस की प्रतियां जलाने वाले लोगों पर रासुका की कार्रवाई को लेकर मौर्य ने कहा, “मैं सीएम योगी से कहना चाहता हूं कि आपको एफआईआर कराने का शौक है, NSA लगाने का शौक है, तो इन संतो पर क्यों नहीं एफआईआर करते हैं, जो मेरे सिर पर लाखों का इनाम रख रहे हैं.”
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