ज्ञानवापी मस्जिद के ASI सर्वे में मिले हिंदू मंदिर के ये सबूत! तो मुस्लिम पक्ष ने अब ये कह दिया

यूपी तक

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मुस्लिम पक्ष के वकील और ज्ञानवापी परिसर
Varanasi
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Varanasi Gyanvapi ASI Survey: ज्ञानवापी मस्जिद-मंदिर विवाद को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है. बता दें कि ASI सर्वे की रिपोर्ट दोनों पक्षों को सौंप दी गई है. हिंदू पक्ष ने दावा किया है कि सर्वे में मंदिर होने की बात सामने आ गई है. हिंदू पक्ष की तरफ से दावा किया गया है कि सर्वे के दौरान ज्ञानवापी से 34 शिलालेख मिले हैं, जो वहां स्थित हिंदू मंदिर के हुआ करते थे. इन शिलालेखों का ही इस्तेमाल करते हुए वहां मस्जिद बना दी गई थी. हिंदू पक्ष ने दावा किया है कि एएसआई रिपोर्ट में सामने आ गया है कि वहां पहले मंदिर था. 


बता दें कि अब इस मामले में मुस्लिम पक्ष की भी प्रतिक्रिया सामने आई है. दरअसल एएसआई सर्वे की कॉपी मुस्लिम पक्ष को भी सौंपी गई है. हिंदू पक्ष के दावों पर जब यूपीतक ने मुस्लिम पक्ष के वकील से बात करने की कोशिश की तो उनका जवाब हैरान कर देने वाला था. मुस्लिम पक्ष के वकील अखलाक अहमद ने इस रिपोर्ट के ऊपर फिलहाल कुछ भी बोलने से साफ इनकार कर दिया. उनका कहना था कि वह सर्वे की रिपोर्ट पढ़ने और रिपोर्ट का ठीक से अध्ययन करने के बाद ही इसपर अपना रिएक्शन देंगे. मुस्लिम पक्ष के वकील ने कहा कि हिंदू पक्ष ने ये रिपोर्ट देख ली होगी. मगर उन्होंने कुछ नहीं देखा है. हिंदू पक्ष के किसी भी दावे की हमें जानकारी नहीं है. अभी हम इसके ऊपर कुछ नहीं बोलेंगे. सर्वे रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद ही हम अपना जवाब देंगे.


हिंदू महिला वादियों ने क्या कहा


बता दें कि इस पूरे मामले पर हिंदू पक्ष की महिला का रिएक्शन सामने आया है. महिला वादियों ने कहा, हम लंबे समय से दावा कर रहे थे. आज हमारे दावे सही पाए गए हैं. सच सामने आ गया है. आज सिद्ध हो चुका है कि ज्ञानवापी परिसर का इतिहास हिंदू मंदिर से रहा है. सभी महिला वादिनियों का कहना है कि जब सर्वे चल रहा था, तब वह सब भी वहां मौजूद थीं. उन्होंने भी अपनी आंखों से कई सारे प्रमाण देंखे हैं. आज हम कह सकते हैं कि हमारे मंदिरों को दबा कर रखा गया था. 

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ASI सर्वे में हिंदू मंदिर की बात सामने आई


हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने एएसआई सर्वे को लेकर बड़ा दावा किया है. उन्होंने कहा कि ASI ने रिपोर्ट में कहा है कि वहां पर 34 शिलालेख है, जहां पर पहले से मौजूद हिंदू मंदिर  के थे। जो पहले हिंदू मंदिर था उसके शिलालेख को पुन: उपयोग कर ये मस्जिद बनाया गया। इनमें देवनागरी, ग्रंथ, तेलुगु और कन्नड़ लिपियों में शिलालेख मिले हैं।.... इन शिलालेखों में जनार्दन, रुद्र और उमेश्वर जैसे देवताओं के तीन नाम मिलते हैं।'


ASI रिपोर्ट में क्या है

मिली जानकारी के मुताबिक, यह रिपोर्ट 839 पन्नों की है. हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने मीडिया के सामने ASI के सर्वे की रिपोर्ट के निष्कर्ष को पढ़कर सुनाया है. उनके मुताबिक,  जहां पर आज ज्ञानवापी मस्जिद है, वहां एक बड़ा हिंदू मंदिर था. जानते हैं कि इस रिपोर्ट में क्या-क्या दर्ज है.

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ASI के मुताबिक, वर्तमान का जो ढांचा है उसकी पश्चिमी दीवार पहले के बड़े हिंदू मंदिर का हिस्सा है.  पहले के मंदिर के खंभों को थोड़े बहुत बदलाव के साथ मस्जिद के लिए इस्तेमाल किया गया है. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि हिंदू मंदिर के खंभों की नक्काशियों को मिटाने की कोशिश की गई है. सर्वे के दौरान 32 शिलालेख भी मिले हैं. ये सभी पुराने हिंदू मंदिर के थे. इन शिलालेखों की भाषा देवनागरी ग्रंथ, तेलुगू, कन्नड़ में हैं. बता दें कि सर्वे के दौरान एएसआई को एक शिलालेख का पत्थर मिला है. इसका टूटा हुआ हिस्सा पहले से ही एएसआई के पास था.  


हिंदू देवी-देवताओं की मिली मूर्तियां

एएसआई रिपोर्ट में सामने आया है कि ज्ञानवापी के तहखाने में हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां भी सर्वे के दौरान मिली हैं. इन मूर्तियों को तहखाने के नीचे मिट्टी में दबा दिया गया था. इसी के साथ पश्चिमी दीवार हिंदू मंदिर का ही हिस्सा है, यह पूरी तरीके से स्पष्ट है. एएसआई रिपोर्ट में ये भी लिखा है कि 17वीं सदी में हिंदू मंदिर को तोड़कर और उसी के मलबे से वर्तमान ढांचे को बना दिया गया था.
 

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