वाराणसी: MLC चुनाव में बाहुबली के आगे नहीं टिक पाई BJP, बृजेश सिंह की पत्नी को मिली जीत

रोशन जायसवाल

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विधानसभा चुनावों के बाद अब विधान परिषद चुनावों में भी भारतीय जनता पार्टी (BJP) को बड़ी जीत मिलती नजर आ रही है. यूपी में 36 सीटों पर हुए MLC चुनावों में 9 पर बीजेपी को निर्विरोध जीत मिली है. मंगलवार, 12 अप्रैल को हुई काउंटिंग में भी बाकी बची 27 सीटों पर अधिकतर बीजेपी को जीत मिली है या आगे है. हालांकि, काशी में बीजेपी का विजय रथ थम गया है और बाहुबली बृजेश सिंह के जेल में रहने के बावजूद उनकी पत्नी अन्नपूर्णा सिंह जीत गई हैं.

वाराणसी में अंतिम चक्र की काउंटिंग के बाद निर्दलीय चुनाव लड़ीं अन्नपूर्णा सिंह के खाते में 4234 मत आए हैं. वहीं बीजेपी के उम्मीदवार सुदामा पटेल को मात्र 170 वोट मिले हैं. यहां समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार उमेश यादव भी बीजेपी से आगे हैं और उन्हें 345 वोट मिले हैं.

वोटिंग से पहले ही बीजेपी प्रत्याशी में दिखा था हार का डर

वाराणसी में एमएलसी चुनावों के लिए वोटिंग से पहले ही बीजेपी प्रत्याशी सुदामा पटेल को अपनी हार की आशंका दिख गई थी. वह पिछले कई दिनों से लगातार आरोप लगा रहे थे कि बृजेश सिंह अपने धनबल और बाहुबल से चुनाव प्रभावित कर रहे हैं. सुदामा पटेल ने पार्टी कार्यकर्ताओं पर भीतरघात के भी आरोप लगाए हैं.

अब हार के बाद उन्होंने अपने पुराने आरोपों को फिर दोहराया है. सुदामा पटेल ने अपनी हार का ठीकरा धनबल, बाहुबल के साथ ‘धोखेबाज कार्यकर्ताओं’ पर भी फोड़ा है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा है कि ‘आज काउंटिंग के दिन भी बृजेश सिंह की पत्नी अन्नपूर्णा सिंह के लिए बने एजेंटों में उनकी पार्टी के भी बड़े पदाधिकारी शामिल थे.’

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आपको दें कि पिछले दो दशक से वाराणसी एमएलसी सीट पर बृजेश सिंह के परिवार का कब्जा है. पिछली बार 2016 के एमएलसी चुनाव में निर्दलीय बृजेश सिंह खुद मैदान में उतरे थे, जिन्हें बीजेपी ने वॉकओवर देते हुए अपना प्रत्याशी नहीं उतारा था. बीजेपी ने इस बार सत्ता में होने के चलते सुदामा पटेल पर दांव लगाया, लेकिन वाराणसी की जेल में बंद बृजेश सिंह ने अपनी पत्नी को निर्दलीय उतारकर बीजेपी को मात दी थी.

वाराणसी विधान परिषद सीट पर दो बार बृजेश सिंह के भाई बीजेपी के टिकट पर जीत चुके हैं तो एक बार उनकी पत्नी अन्नपूर्णा सिंह 2010 में बसपा के टिकट पर एमएलसी रही हैं जबकि एक बार खुद बृजेश सिंह निर्दलीय जीते हैं. इस तरह से पिछले 24 सालों से उन्हीं के परिवार के पास यह सीट है. एक बार फिर से बृजेश सिंह की पत्नी ने जीतकर साबित कर दिया है कि वाराणसी में माफिया बृजेश की सियासी ताकत कम नहीं हुई.

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