ताजमहल में शाहजहां के उर्स के विरोध में हिंदू महासभा ने पढ़ी शिव चालीसा, ये है पूरा मामला
दुनिया की सबसे रोमेंटिक इमारतों में से एक ताजमहल फिर एक बार विवादों में आ गई है. बता दें कि मंगलवार को ताजमहल में शुरू हुए शाहजहां के उर्स का अखिल भारत हिंदू महासभा ने विरोध किया.
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Agra News: दुनिया की सबसे रोमेंटिक इमारतों में से एक ताजमहल फिर एक बार विवादों में आ गई है. बता दें कि मंगलवार को ताजमहल में शुरू हुए शाहजहां के उर्स का अखिल भारत हिंदू महासभा ने विरोध किया. विरोध में हिंदू महासभा के कार्यकर्ताओं ने ताजमहल के पार्श्व में जाकर जलाभिषेक किया. इसके साथ ही इस दौरान शिव चालीसा का पाठ भी किया गया.
महासभा के जिलाध्यक्ष ने ये कहा
अखिल भारत हिंदू महासभा के जिलाध्यक्ष सौरभ शर्मा ने कहा कि, 'उर्स का हम लगातार विरोध करते आ रहे हैं. पूर्व में पुरातत्व विभाग को ज्ञापन दे चुके हैं. प्रशासन से भी कई बार मिन्नत की है. सुनवाई ना होने पर न्यायालय में वाद दाखिल किया है. न्यायलय ने उर्स कमेटी को नोटिस भी जारी किए हैं. नोटिस के बाद भी उर्स को मनाया जा रहा है. उर्स का कार्यक्रम होगा तो हम भी भगवान राम के वशंज हैं और शिव तांडव करेंगे.'
क्या होता है उर्स में?
बता दें कि तीन दिवसीय उर्स में अलग-अलग रस्में अदा की जाती हैं. उर्स में गुस्ल, संदिल और चादरपोशी की रस्में होती हैं. उर्स में कव्वाली और मुशायरा भी होता है. साल भर में सिर्फ एक बार शाहजहां और मुमताज की भूतल की असली कब्रों तक जाने के लिए दरवाजे खोले जाते हैं. तीन दिन तक आम पर्यटक भी असली कब्रों को देख सकते हैं. 6 और 7 फरवरी को ताजमहल में दो बजे के बाद सभी के लिए एंट्री निशुल्क रहेगी. उर्स के अंतिम दिन 8 फरवरी को पुरे दिन एंट्री फ्री रहेगी.
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